मैं, हेमंत सोरेन ईश्वर की शपथ लेता हूं.. कि मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा, मैं भारत की प्रभुता और अखंडता अक्षुण्ण रखूंगा…. इसके साथ ही गुरुवार को हेमंत सोरेन ने 13वीं बार मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले ली है। जिसके बाद राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को उन्हें फूलों का गुलदस्ता देकर बधाई दी।
वहीं, हेमंत सोरेन ने आज अकेले ही शपथ लिया है। कैबिनेट विस्तार नहीं किया गया। दरअसल राजभवन के बिरसा मंडप में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित की गयी। जिसमें राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने हेमंत सोरेन को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस दौरान दिशोम गुरु शिबू सोरेन उनकी पत्नी रूपी सोरेन, हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन और पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन शपथ ग्रहण के साक्षी बने।
वहीं, शपथ ग्रहण समारोह में सांसद सुखदेव भगत, राज्यसभा सांसद महुआ माजी, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सह विधायक डॉ रामेश्वर उरांव बादल पत्रलेख, दीपिका सिंह पांडेय, इरफान अंसारी, नेहा शिल्पी तिर्की, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुबोधकांत सहाय, बंधु तिर्की, झामुमो कोटे से विधायक बसंत सोरेन, हफीजुल अंसारी, सुप्रियो भट्टाचार्य, आरजेडी कोटे से विधायक सत्यानंद भोक्ता समेत गठबंधन के विधायक उपस्थित थे। इससे पूर्व (शपथ ग्रहण से पहले) हेमंत सोरेन गुरुजी शिबू सोरेन के आवास पर मिलने पहुंचे थे। जहां शपथ ग्रहण से पहले उन्होंने पिता शिबू सोरेन और मां रुपी सोरेन का आशीर्वाद लिया। इसके बाद पिता और पुत्र के बीच राजनीति से जुड़े विभन्न मसलों पर लंबी बातचीत हुई।
बता दें कि सरकार बनाने के लिए हेमंत सोरेन को राजभवन से आज दोपहर ही न्योता मिला। राजभवन से निकलाने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सीधे अपने सरकारी आवास पहुंचे। जहां मुख्यमंत्री ने विधायक दल के साथ बैठक की। इस दौरान रायशुमारी हुई की शपथ कब लेना है। जिसमें में तय हुआ कि आज ही शाम को पांच बजे हेमंत सोरेन शपथ लेंगे।
झारखंडी एकता का परिचय अपने दिया है, उसका ऋणी रहूंगा….
शपथग्रहण से ठीक पहले हेमंत सोरेन ने एक वीडियो संदेश जारी किया। जिसमें उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होने अपने वीडियो संदेश में कहा कि पांच महीनों तक मुझे अलग-अलग तरीकों से लंबे समय तक जेल में रखने का प्रयास किया। हमने भी कानून लड़ाई का रास्ता अख्तियार किया। अंतोगत्वा न्यायलय ने मुझे पाक साफ करार देते हुये बरी किया। आज पुन मैं आपके सामने हूं।
2019 में आपने मुझे मौका दिया था लेकिन हमारे षडयंत्रकारियों को यह पचा नहीं कि आदिवासी नौजवान कैसे इतने उंचे पदों पर जा सकता हैं। 31 जनवरी को झूठे केस बना कर मुझे मुख्यमंत्री पद से हटाने के लिए मजबूर कर दिया । भगवान के अंधेर नहीं होती है। लोकसभा चुनाव में आपने जिस झारखंडी एकता का परिचय दिया है। उसका ऋणी रहूंगा। हम झारखंड के गरीब आदिवासी, दलितों की आवाज है। आपने मुझे सेवा का मौका दिया। हम आपके दरवाजे तक पहुंचने का प्रयास किये, लेकिन ये लोग हमारे कदमों को रोकने के लिए एड़ी चोटी एक कर दी । कुछ समय के लिए रोकने में कामयाब हो पाये। मैं फिर से आ रहा हूं । मैं हर वर्ग के लिए काम करूंगा।
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