झारखंड हाईकोर्ट ने शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जमानत प्रदान कर दी है। जमीन घोटाला मामले में आरोपी पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर न्यायाधीश जस्टिस रंगोन मुखोपाध्याय की कोर्ट में सुनवाई हुई। जिसके बाद कोर्ट का फैसला हेमंत सोरेन के पक्ष में आया। इस फैसले के बाद हेमंत सोरेन ने राहत की सांस ली है। पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर 13 जून की सुनवाई के दौरान ईडी के वरीय अधिवक्ता एस वी राजू ने कोर्ट में अपने दलीलों को रखा था।
वहीं, बचाव पक्ष की ओर से पहले ही बहस पूरी कर ली गयी थी। दोनों पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसी फैसले को सुनाने के लिए शुक्रवार की तरीख मुकर्रर की गयी थी। जिसके बाद कोर्ट का फैसला पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पक्ष में आया है। बड़गाईं अंचल जमीन घोटाला मामले में हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर कोर्ट ने फैसला सुनाया है।
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर 10 मई (सोमवार) को सुनवाई के दौरान हेमंत की ओर से वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने बहस की थी। जिसमें हेमंत सोरेन का पक्ष रखते हुये कपिल सिब्बल ने दलील दिया कि पूरा मामला 8.86 एकड़ जमीन से जुड़ा हुआ है। ईडी के आरोपों के अनुसार राजस्व कर्मचारी ने सरकारी दस्तावेजों में छेड़छाड़ की है। साथ ही इस मामले में एजेंसी अबतक कोई ठोस दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सकी है। जिससे यह साबित किया जा सके कि हेमंत सोरेन का इस भूमि पर प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रुप से कोई अधिकार है। इसके साथ ही हेमंत सोरेन के खिलाफ जो धाराएं लगाई हैं, वह पीएमएलए के अन्तर्गत ठीक नहीं है।
वहीं, बड़गाई अंचल जमीन घोटाले के आरोप में ईडी ने 31 जनवरी को देर रात हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद एक फरवरी को अदालत में पेश किए गए थे। जहां से उनको न्यायिक हिरासत में लेते हुए जेल भेज दिया गया था। तब से वह बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार में हैं। इसके साथ ही इस केस से जुड़े अफसर अली, जेएमएम नेता अंतू तिर्की, प्रियरंजन सहाय और इरशाद समेत अन्य 22 लोगों की भी गिरफ्तारी हो चुकी है। ये सभी न्यायिक हिरासत में होटवार जेल में बंद हैं।
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