ईडी ने जमीन कारोबारी शेखर कुशवाहा को फिर से दूसरी बार रिमांड पर लिया। शेखर कुशवाहा की तीन दिनों की रिमांड अवधि पूरी हो गयी थी। जिसके बाद ईडी ने रांची पीएमएलए कोर्ट में उसे मंगलवार को पेश किया। इस दौरान ईडी ने कोर्ट से रिमांड अवधि बढ़ाने की अनुमति मांगी। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीले सुने के बाद रिमांड अवधि बढ़ाने की इजाजत दे दी है।अब ईडी कुशवाहा से और तीन दिनों तक पूछताछ कर सकेगी।
क्या है मामला
ईडी के जांच के दौरान खुलासा हुआ है कि शेखर कुशवाहा ने अपने सहयोगी के साथ मिलकर फर्जी डीड बनाया था। इसमें प्रियरंजन सहाय, विपिन सिंह, इरशाद अंसारी, अफसर अली और सरकारी कर्मी भानु प्रताप प्रसाद शामिल थे। जीमन को हड़पने के लिए 1971 का फर्जी डीड बनाया था। इस पूरे खेल में बड़गाई अंचल के तत्कालीन राजस्व उपनिरीक्षक भानु प्रताप ने अहम भूमिका निभाई थी। शेखर ने इन सबके साथ मिलकर सबसे पहले बरियातू की 4.83 एकड़ की जमीन के रैयत जितुआ भोक्ता का नाम बदल कर समरेंद्र चंद्र घोषाल का नाम दस्तावेज पर चढ़ाया। इसके साथ ही गैरमजरूआ जमीन को समान्य खाते की जमीन में बदल दिया गया। इस कांड से जुड़े सभी सहयोगी को ईडी ने शेखर कुशवाह के गिरफ्तारी के पूर्व में ही जेल का रास्ता दिखा दिया है।
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