राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए ) की जिम्मेवारी 1968 बैच के आईपीएस अधिकारी डोभाल अजित डोभाल को एक बार फिर दिया गया है। मोदी सरकार (2014) के सत्ता में आने के बाद तीसरी बार अजित डोभाल को यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गयी है। एनएसए अजीत डोभाल का दूसरा कार्यकाल 3 जून को पूरा हो गया था। जिसके बाद से ही नये एनएसए की चर्चा शुरु हो गयी थी। इन चर्चाओं के बीच कैबिनेट नियुक्ति समिति ने एक बार फिर डोभाल के नाम पर मुहर लगा दी है। जिसके बाद से अब स्पष्ट हो गया है कि एनएसए के पद को अजित डोभाल ही संभालेगे। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 26 मई 2014 को पहली बार कार्यभार संभाला था। जिसके बाद एनएसए के तौर पर 30 मई, 2014 को डोभाल को नियुक्त किया गया। एनएसए के रूप में अपनी नियुक्ति के बाद डोभाल ने इराक से 46 भारतीय नर्सों की वापसी में मदद समेत अन्य गतिविधियों में सक्रिय तौर काम किया है।
बतौर एनएसए डोभाल राष्ट्रीय सुरक्षा नीति और अंतरराष्ट्रीय मामलों पर प्रधानमंत्री के मुख्य सलाहकार की भूमिका निभाते हैं। प्रधानमंत्री को भारत के आंतरिक और बाहरी खतरों से संबंधित सभी मामलों पर डोभाल सलाह देते हैं। इसके साथ ही सरकार की ओर से रणनीतिक और संवेदनशील मुद्दों की निगरानी का जिम्मा भी उन्हीं के पास होता है।
डोभाल का काम सभी सुरक्षा एजेंसियों यानी रॉ, आईबी, एनटीआरओ, एमआई, डीआईए और एनआईए से खुफिया जानकारी प्राप्त कर उसे पीएम के साथ साझा करना है। वहीं, एनएसए का पदभार संभालने से पहले डोभाल ने आईबी के निदेशक के पद पर अपना योगदान भी दिया है।
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