झारखंड सचिवालय सेवा संघ ने मंगलवार को पांच सूत्री मागों को लेकर प्रोजेक्ट भवन में मौन प्रदर्शन किया। इस मौन प्रदर्शन के माध्यम से संघ ने मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन तक अपनी मागों को पहुंचाया।
इससे पूर्व झारखंड सचिवालय सेवा संघ के कर्मचारी नेहरू पार्क पहुंचे थे। जहां से वे प्रोजेक्ट भवन प्रांगण के लिए निकले। जिसके बाद प्रोजेक्ट भवन पहुंचकर मानव श्रृंखला बनाकर अपनी मांगों के समर्थन में मौन धारण कर विरोध प्रदर्शन करने लगे। इसका नेतृत्व झारखंड सचिवालय सेवा संघ के अध्यक्ष ध्रुव प्रसाद ने की।
उन्होंने कहा कि कार्मिक विभाग ने प्रस्तावित पदवर्ग में संयुक्त सचिव और उपसचिव के पदों का सृजन पिछले 15 महीने से लटका कर रखा है। जिसके वजह से सचिवालय कर्मियों में नाराजगी हैं। उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षों से सचिवालय सहायक प्रशाखा पदाधिकारी की नियुक्ति तक नहीं की गयी है। इसके कारण सचिवालय का काम कॉट्रेक्ट और ठेका पर के बैशाखी पर चल रहा है। सचिवालय में 2500 स्वीकृत पद हैं, जिसमें महज 900 कार्यरत हैं। सचिवालय की स्थिती दनीय हो चुकी है।
संघ के महासचिव सिद्धार्थ शंकर बेसरा ने सरकार पर आरोप लगाते हुये कहा कि नियुक्ति से पहले ही कभी प्रश्न पत्र लीक होता है तो कभी संबंधित एजेंसिया परीक्षा लेने में असमर्थता जाता देती है। ऐसे में पूरा सचिवालय ठेका पर चल रहा है।
उन्होंने सरकार से मांग करते हुये कहा कि संघ के मागों पर सकरात्मक पहल करें। यदि मांगों पर गंभीरता पूर्वक विचार नहीं किया गया तो, सड़कों पर उतरकर चरणबद्ध आंदोलन के लिए बाध्य होगे। जिसमें काला बिल्ला लगाकर विरोध और उसके बाद हड़ताल पर जाने के अलावा हमारे पास और कोई विकल्प मौजूद नहीं होगा। इसलिए सरकार से आग्रह है कि संघ की पांच सूची मागों पर विचार कर समाधान निकाले।
क्या है सचिवालय कर्मियों की पांच सूत्री मांगे
संयुक्त सचिव/उपसचिव के अतिरिक्त प्रस्तावित पदों का सृजन
कार्मिक विभाग के संकल्प संख्या 3286 को लागू करने
समय अनुसार प्रोन्नति प्रदान करने
रिक्त पदों पर नियमित नियुक्ति
सचिवालय को अनुबंध/आउटसोर्स पर देना बंद करने
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