झारखंड हाईकोर्ट में सोमवार को जमीन घोटाला मामले में आरोपी पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर न्यायाधीश जस्टिस रंगोन मुखोपाध्याय की कोर्ट में सुनवाई हुई। दरअसल पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने ईडी को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। जिसके बाद ईडी ने जवाब दाखिल कर दी है। सुनवाई के दौरान हेमंत की ओर से वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने बहस की। जिसके बाद हाईकोर्ट ने अब ईडी का बहस सुनने के लिए बुधवार की तारीख निर्धारित की है।
सुनवाई के दौरान हेमंत सोरेन का पक्ष रखते हुये कपिल सिब्बल ने दलील दी कि पूरा मामला 8.86 एकड़ जमीन से जुड़ा हुआ है। ईडी के आरोपों के अनुसार राजस्व कर्मचारी ने सरकारी दस्तावेजों में छेड़छाड़ की है। साथ ही इस मामले में एजेंसी अबतक कोई ठोस दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सकी है, जिससे यह साबित किया जा सके कि हेमंत सोरेन का इस भूमि से प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रुप से अधिकार है। इस दौरान कपिल सिब्बल ने अपने मुवक्किल के पक्ष में कहा कि ईडी ने हेमंत सोरेन के खिलाफ जो धाराएं लगाई हैं, वह पीएमएलए के अन्तर्गत सही नहीं है। ईडी की मंशा ठीक नहीं थी, सिर्फ हेमंत सोरेन को जेल भेजना था, इसलिए इतनी कहानी गढ़ी गयी। और उन्हें जेल में डाला गया।
वहीं, हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर सुनवाई को दौरान विधायक कल्पना सोरेन भी कोर्ट में मौजूद थी। बता दें कि बड़गाई अंचल जमीन घोटाले के आरोप में ईडी ने 31 जनवरी को देर रात हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद एक फरवरी को अदालत में पेश किए गए थे। जहां से उनको न्यायिक हिरासत में लेते हुए जेल भेज दिया गया था। तब से वह बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार में हैं।
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