झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस आर मुखोपाध्याय और जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ में गुरुवार को राजधानी रांची में लचर ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। मामले में कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि रांची में ट्रैफिक जाम की समस्या में कोई सुधार नहीं हो रहा है। मेन रोड में सुजाता चौक से अल्बर्ट चौक तक ट्रैफिक नियम का रोज उल्लंघन होता है। कोर्ट ने राज्य सरकार से जानना चाहा कि जो लोग नियम का उल्लंघन कर रहे हैं उन पर क्या कार्रवाई हो रही है या नहीं। इस पर ट्रैफिक एसपी से इंस्ट्रक्शन लेकर कई बिंदुओं पर विस्तृत जानकारी शपथपत्र के माध्यम से दाखिल करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही मामले की अगली सुनवाई की तारीख 15 मई निर्धारित की गई है।
इससे पूर्व सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि मेन रोड में सुजाता चौक से लेकर अल्बर्ट एक्का चौक तक दो पहिया वाहन वाले बिना हेलमेट एवं ट्रिपल राइडिंग करनेवालों पर कार्रवाई हो रही है। इस पर कोर्ट ने सरकार को बताने को कहा है कि सुजाता चौक से लेकर अल्बर्ट एक्का चौक तक ट्रैफिक नियम के पालन करने को लेकर क्या कार्रवाई की गई है। कितने चालान ट्रिपल राइडिंग एवं बगैर हेलमेट वाले चालकों से काटी गई है। कोर्ट ने यह जानना चाहा कि रांची के किन-किन इलाकों में ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करने पर सबसे ज्यादा चालान कटता है।
कोर्ट ने सीसीटीवी के बारे में भी जानकारी मांगी है। कोर्ट ने ट्रैफिक पोस्ट के संबंध में भी सरकार से जवाब मांगा है। पूछा है कि मेकॉन चौक के पास, पुराने हाईकोर्ट के गेट नंबर 2 के पास पुलिसकर्मी बगैर ट्रैफिक पोस्ट के सड़कों पर सुबह 9:00 से रात के 9:00 बजे तक खड़े रहते हैं। कोर्ट ने यह भी बताने को कहा है कि रात में 9:00 बजे के बाद रांची शहर में ट्रैफिक पुलिस कर्मी के नहीं रहने पर ट्रैफिक के नियमों का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ चेकिंग अभियान चलता है या नहीं।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने ट्रैफिक एसपी को बताने को कहा है कि ट्रैफिक पुलिस कर्मियों के रिक्त पदों को भरने के लिए क्या कार्रवाई हो रही है। इसके अलावा कोर्ट ने गृह सचिव से यह भी पूछा था कि ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को वाहनों के स्पीड चेक करने वाले उपकरण, गलत पार्किंग में लगे वाहनों को उठाने के लिए टोइंग वाहन आदि की व्यवस्था करने के लिए क्या कुछ किया जा रहा है।
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