झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ के उपाध्यक्ष महेश सोरेन ने ग्रामीण विकास विभाग के मनरेगा आयुक्त को पत्र लिखा। जिसमें W.P (S) N0 6304/2019 , W.P (S) 5775/2022 के विरुद्ध महोदय के द्वारा निर्गत तार्किक आदेश पर पुर्नविचार करते हुए मनरेगा अभियंता संवर्ग समेत समस्त मनरेगा कर्मियों को स्थायीकरण का लाभ देने की बात कहीं। उन्होंने विभागीय पत्रांक 467 दिनांक 16/04/2024 का जिक्र करते हुए लिखा कि हम सभी मनरेगा योजना के तहत संविदा पर कार्यरत अभियंता संवर्ग और समस्त मनरेगा कर्मी स्थायीकरण को लेकर सभी आहर्ता को पूर्ण करते हैं।
उन्होंने आगे पत्र में लिखा है कि सचिव कार्मिक प्रशासनिक एवं राज भाषा विभाग झारखंड सरकार के पत्रांक 4011/दिनांक 18/08/2020 द्वारा भी राज्य के विभिन्न विभागों में संविदा पर कार्यरत कर्मियों की सेवा शर्तों में सुधार और नियमितीकरण को लेकर विकास आयुक्त (झारखंड) की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति बनी है। जिसके तहत समन्वय कर संविदाकर्मियों के नियमितीकरण की दिशा में उचित निर्णय लिया जा सकता है।
वहीं, उन्होंने पत्र में लिखा है कि राजस्थान सरकार के उप सचिव ग्रामीण विकास विभाग अनुभाग -1 के पत्रांक 1651-59/ दिनांक 07/03/2024 ने भी मनरेगा कर्मियों को ग्रेड पे के साथ स्थायीकरण की दिशा में कदम बढ़ाया है। जिसके आधार पर झारखंड के अभियंता संवर्ग एवं मनरेगा कर्मी को भी ग्रेड के साथ स्थायी करने पर विचार करना चाहिए।
उन्होंने इन बात का जिक्र भी किया कि विभागों में पद रिक्त है। झारखंड नियुक्ति प्रकिया स्वछ एवं पारदर्शी नहीं है। पेपर लीक और भृष्टाचारियों के कारण हम जैसे संविदाकर्मियों को अब नई नौकरी होने की संभावना लगभग खत्म हो चुकी है। पिछले 18 वर्षों की संविदा सेवा के कारण हमारी उम्र सीमा ,अवसर और क्षमता भी ह्रास हो गये है। ऐसे में नैसर्गिक न्याय के तहत हमारा स्थायीकरण का दावा पूर्णत स्वीकार करने योग्य है। हमारे स्थायीकरण से झारखंड सरकार और विभाग को लंबे समय का अनुभवी कर्मी मिलेगा। इसके साथ ही हम संविदा कर्मियों को उचित सम्मान भी मिलेगा।
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