राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री सह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को हाईकोर्ट से एक और मामले में राहत मिली है। तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं उनके परिवार के खिलाफ बयानबाजी मामले में मधुपुर थाने में दर्ज प्राथमिकी को चुनौती देनेवाली बाबूलाल मरांडी की याचिका पर सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने बाबूलाल मरांडी पर पीड़क कार्रवाई पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार को तीन सप्ताह में प्रति शपथपत्र के माध्यम से जवाब दाखिल करने को कहा गया है। जानकारी हो कि इससे पूर्व रामगढ़ एवं सिमडेगा के मामले में भी उन्हें हाईकोर्ट से राहत मिल चुकी है। बता दें कि बाबूलाल मरांडी ने एक निजी यूट्यूब चैनल ने सोशल मीडिया में झारखंड में बाबूलाल मरांडी की ओर से हेमंत सोरेन व उनके परिवार के खिलाफ दिए गए साक्षात्कार को अपलोड किया था। इसके बाद झामुमो कार्यकर्ताओं ने राज्य के छह जिलों रामगढ़, लोहरदगा, सिमडेगा, मधुपुर,साहिबगंज एवं रांची में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसी प्राथमिकी को रद्द कराने का आग्रह हाईकोर्ट में किया गया है।