झारखंड हाई कोर्ट में बुधवार को जनवरी 2022 में राजधानी के बिरसा चौक पर ऑटो से एक महिला की मौत के मामले में दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने मामले में परिवहन सचिव को प्रतिवादी बनाया है। कोर्ट ने उनसे पूछा कि रांची शहर में चलने वाले डीजल ऑटो और टोटो के प्रदूषण प्रमाणपत्र, फिटनेस आदि की जांच के लिए क्या कार्रवाई की गयी? ऑटो और टोटो चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस की जांच के लिए क्या कार्रवाई की जाती है? कोर्ट ने इन सभी बिंदुओं पर परिवहन सचिव से 3 सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।
कोर्ट ने डीटीओ रांची और एसएसपी रांची को शपथपत्र दायर कर शहर में अवैध रूप से चल रहे डीजल ऑटो और टोटो के संबंध में जवाब मांगा है। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार के वकील को फटकार लगाते हुए मौखिक रूप से कहा कि कोर्ट तुरंत आपके साथ चल कर रांची शहर में बिना ड्राइविंग लाइसेंस वाले ड्राइवर को ऑटो और टोटो चलाते हुए दिखा सकता है। रांची शहर में छोटे-छोटे बच्चे डीजल ऑटो और टोटो चलाते हैं, वे अचानक कहीं भी गाड़ी घुमा देते हैं। जिससे आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। उनके पास ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं है। कोर्ट ने मामले में डीएसपी ट्रैफिक की ओर से दाखिल हलफनामे पर असंतोष जताया। कहा कि शपथ पत्र में दी गई बातें खोखली नहीं होनी चाहिए। यह दिखना चाहिए कि जमीन स्तर पर यातायात सुधार के लिए काम हो रहा है। यह जनहित याचिका शिव शंकर शर्मा की ओर से दाखिल की गई है।