झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस राजेश कुमार की अदालत में मंगलवार को राज्य प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के सचिव की नियुक्ति के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के सचिव वाईके दास के कार्य करने पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा है। मामले में अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी। सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस पद पर विशेषज्ञ की नियुक्ति होगी तो सरकार का यह कहना उचित नहीं है कि कोई व्यक्ति नहीं मिल रहा है। सरकार लगातार कोर्ट के आदेश का उल्लंघन कर रही है। यह गंभीर बात है। अब से सचिव कोई कार्य नहीं करेंगे। इस दौरान सरकार वैकल्पिक व्यवस्था कर सकती है। इस संबंध में कन्हैया कुमार की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर वाईके दास की नियुक्ति को चुनौती दी गई है।
सुनवाई के दौरान अधिवक्ता नवीन कुमार ने अदालत को बताया कि प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के सचिव पद पर नियुक्ति नियमानुसार नहीं की गई है। यह पूरी तरह से पूर्णकालिक पद है, लेकिन सरकार इस पद पर प्रभार में नियुक्ति की है। सरकार की ओर से कहा गया कि इस पद के लिए कई बार विज्ञापन निकाला गया है। किसी ने आवेदन नहीं दिया है। फिलहाल आदर्श चुनाव आचार संहिता लगी हुई है। निर्वाचन आयोग से अनुमति लेकर फिर से आवेदन के लिए विज्ञापन जारी किया जाएगा। प्रार्थी की ओर से इसका विरोध करते हुए कहा गया कि यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है। हर बार विज्ञापन जारी करने की बात ही जाती है। अभी तक कोई नियुक्ति नहीं की गई है। इस पर विशेषज्ञ की नियुक्ति होगी। इस पर अदालत ने सरकार से जवाब मांगा है।