पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की ओर से दर्ज अरका स्पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड एंड मैनेजमेंट लिमिटेड के मिहिर दिवाकर और सौम्या दास के खिलाफ रांची सिविल कोर्ट में दर्ज आपराधिक मामले की सुनवाई हुई। न्यायिक दंडाधिकारी राज कुमार पांडेय की अदालत में शुक्रवार को 15 करोड़ रुपए के फर्जीवाड़े की सुनवाई की गयी।
अदालत ने मिहिल दिवाकर, सौम्या दास एवं अरका स्पोर्ट्स प्रा. लि. के खिलाफ समन जारी कर दिया है। इसके साथ ही आरोपियों को स्वयं या अपने अधिवक्ता के माध्यम से अगली निर्धारित तारीख 4 मई को अदालत में पक्ष रखने का निर्देश दिया है। पिछली सुनवाई में अदालत ने शिकायतकर्ता को अपेक्षित दस्तावेज दाखिल करने का निर्देश दिया था। लेकिन जमा नहीं किया गया है। अदालत ने पुनः अगली तारीख से पहले दस्तावेज दाखिल करने का कहा है। अदालत ने पिछली सुनवाई में आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत रहने के कारण संज्ञान लिया था।
दोनों आरोपियों पर फर्जीवाड़ा करके धोनी को 15 करोड़ रुपए की आर्थिक क्षति पहुंचाने का आरोप है। यह शिकायतवाद धोनी की ओर से सीमांत लोहानी ने दर्ज कराया है। दर्ज शिकायतवाद पर पांच जनवरी को अदालत में सुनवाई हुई थी। सुनवाई के दौरान मामले में धोनी के प्रतिनिधि सीमांत लोहानी का बयान शपथपत्र पर दर्ज किया गया। जिसमें उन्होंने मिहिर दिवाकर एवं सौम्या दास के ऊपर लगाए आरोपों के बारे में बयान दिया। आगे की सुनवाई में मामले में शिकायतकर्ता की ओर से साक्ष्य प्रस्तुत किया गया था। जिसके आधार पर अदालत ने संज्ञान लिया है।
धोनी के प्रतिनिधि सीमांत लोहानी ने अक्तूबर 2023 में किया है मुकदमा :
एमएस धोनी ने अपने प्रतिनिधि सीमांत लोहानी को मुकदमा दर्ज करने का अधिकार दिया है। जिसके बाद धोनी के प्रतिनिधि सीमांत लोहानी ने 27 अक्तूबर 2023 को उक्त मुकदमा दर्ज कराया। जिसमें कहा गया है कि मिहिर दिवाकर ने कथित तौर पर दुनिया भर में क्रिकेट अकादमी खोलने के लिए साल 2017 में एमएस धोनी के साथ एक समझौता हुआ था। समझौते के बाद उसे फ्रेंचाइजी दिया गया था। एकरारनामा के तहत प्रॉफिट शेयर का 70-30 का अनुपात तय हुआ था। धोनी को लाभ का 70 फीसदी भुगतान करना था। लेकिन समझौते के सभी नियम और शर्तों की धज्जियां उड़ा दी।
जब धोनी को इसकी जानकारी हुई, तो समझौता को अगस्त 2021 में वापस ले लिया। इसके बावजूद आरोपियों ने एमएस धोनी क्रिकेट अकादमी खुले जा रहा थे। इसके बाद धोनी ने उनलोगों को कानूनी नोटिस भेजा। जिसका जवाब भी दिया गया। लेकिन अकादमी खोलना बंद नहीं हुआ। इससे धोनी को 15 करोड़ रुपए की आर्थिक क्षति हुई है। जो भविष्य में और बढ़ सकता है। बता दें कि यह मुकदमा धोखाधड़ी, विश्वासघात, जाली कागजात तैयार करके फर्जीवाड़ा करना समेत अन्य आरोपों के तहत किया गया है।