झारखंड हाईकोर्ट में शुक्रवार को राज्य में एमपी/एमएलए की विशेष अदालत में सासंदों और विधायकों के केस के त्वरित निष्पादन से जुड़े स्वत: संज्ञान से दर्ज याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सीबीआई से जानना चाहा कि सांसदों और विधायकों के खिलाफ निचली अदालतों में कितने केस लंबित है। अदालत में जो चल रहा है, उसके ट्रायल की स्थिति और देर हो रही है, तो इसका कारण क्या है। जिसके बाद इन सब बिंदुओं पर सीबीआई को विस्तृत स्टेट्स रिपोर्ट दायर करने को कहा है।
अदालत ने पूछा कि ट्रायल के दौरान गवाहों की गवाही सुनिश्चित क्यों नहीं हो पा रही है। अदालत ने अगली सुनवाई को स्टेट्स रिपोर्ट दायर करने को कहा गया है। अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख 16 अप्रैल निर्धारित की है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने एमपी/एमएलए के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों के त्वरित निष्पादन को लेकर सभी हाईकोर्ट को दिशा निर्देश दिया है। जिस पर राज्य में सांसदों और विधायकों के खिलाफ चल रहे केस पर स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई कर रही है।