झारखंड हाई कोर्ट से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, सांसद अर्जुन मुंडा, संजय सेठ सहित 27 भाजपा नेताओं बड़ी राहत मिली है।अदालत ने दर्ज प्राथमिकी पर पीड़क कार्रवाई पर रोक लगा दी है। 11 अप्रैल 2023 को रांची में सचिवालय मार्च के दौरान धुर्वा थाना में दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने का आग्रह करने वाली याचिका की सुनवाई बुधवार को हुई।
मामले में कोर्ट ने प्रार्थी बाबूलाल मरांडी, सांसद अर्जुन मुंडा, संजय सेठ, दीपक प्रकाश, विधायक सीपी सिंह, दुल्लू महतो, कुशवाहा शशि भूषण, समरी लाल, नवीन जायसवाल के अलावा बीरची नारायण सिंह, प्रदीप कुमार वर्मा, रविंद्र कुमार राय, यदुनाथ पांडेय, शिवशंकर उरांव, ललित ओझा, रमेश कुमार सिंह, कामेश्वर सिंह, उमेश कुमार, नीलम चौधरी, अमित कुमार मंडल, अमित कुमार, कृष्ण कुमार गुप्ता,अशोक कुमार बड़ाईक, आरती कुजूर आदित्य प्रसाद,सिद्धू मांझी, शत्रुघ्न सिंह के खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर रोक लगा दी है।
मामले की अगली सुनवाई 8 मई को होगी। भाजपा की ओर से खनिज समृद्ध राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था, मौजूदा भ्रष्टाचार और बेरोजगारी की उच्च दर के विरोध में इस मार्च का आयोजन किया गया था। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए आंसू गैस, वाटर कैनन का इस्तेमाल किया था और लाठीचार्ज भी किया था। उस दौरान क्षेत्र में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई थी। सचिवालय तक मार्च पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और रघुबर दास, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और अन्नपूर्णा देवी और राज्य के पार्टी सांसदों के नेतृत्व में शुरू हुआ था।
क्या है मामला
दर्ज मामले के मुताबिक भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस बैरिकेड तोड़कर बलपूर्वक आगे बढ़ने की कोशिश की थी। जिसपर पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े थे। दरअसल, कार्यक्रम के तहत सचिवालय की ओर मार्च कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ झड़प हो गई थी। मामले को लेकर धुर्वा थाना में 2023 में प्राथमिकी दर्ज किया गया था। इसमें सांसद पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और रघुबर दास, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, चतरा सांसद सुनील कुमार सिंह, विधायक अमित मंडल, समीर उरांव, सांसद निशिकांत दुबे समेत अन्य 41 नामजद एवं कई अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।