झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस अनुभा रावत चौधरी की अदालत में जेई के करीब 1900 पद पर नियुक्ति में चार वर्षीय बीटेक इंजीनियरिंग डिग्री धारियों को भी झारखंड स्टाफ चयन आयोग द्वारा परीक्षा में सीधे शामिल करने को चुनौती देनेवाली रिटा याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के पश्चात कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया। कोर्ट अपना आदेश छह मई को सुनाएगी। प्रार्थी के वकील ने कोर्ट में कहा कि जेएसएससी ने जूनियर इंजीनियर पद के लिए सिविल, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल और एग्रीकल्चर में डिप्लोमाधारी अभ्यार्थियों के लिए विज्ञापन निकला था। जिसमें डिप्लोमा होल्डर के अलावा उच्च तकनीकी योग्यताधारी भी आवेदन देने के पात्र थे। प्रार्थी का कहना था कि इस पद के लिए 4 वर्षीय बीटेक इंजीनियरिंग धारी अभ्यर्थियों को सीधे परीक्षा में शामिल कराया जाना गलत है। विज्ञापन में शैक्षणिक पात्रता में कहीं भी बीटेक इंजीनियरिंग धारी अभ्यर्थियों को शामिल करने का उल्लेख नहीं किया गया था। यह पद डिप्लोमाधारी के लिए था। 4 वर्षीय बीटेक धारी अभ्यर्थियों के लिए अस्सिटेंट इंजीनियर का पद होता है। इस पद पर डिप्लोमा धारी अभ्यर्थी आवेदन नहीं कर सकते हैं। इसी को रिट याचिका कर चुनौती दी गई है। यह रिट याचिका ऋचा राज ने दाखिल की है।