Report by : Santosh Chourasia
पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने राजनीतिक जीवन की शुरुआत कर दी। गिरिडीह की धरती से कल्पना ने अपनी राजनीतिक पारी को लेकर सार्वजनिक मंच से ऐलान किया। दरअसल झारखंड मुक्ति मोर्चा के गिरिडीह जिला की स्थापना दिवस पर 4 मार्च को झंडा मैदान में समारोह आयोजित किया गया। इसी समारोह में कल्पना सोरेन ने तमाम अटकलें को दरकिनार करते हुए एक्टिव राजनीति में कदम रखने को लेकर अधिकारिक तौर पर लिए अपने फैसले की घोषणा कर दी। जिसके बाद अब कल्पना का झामुमो के एक्टिव राजनीति में दखल शुरू हो गया है। यह फैसला लोकसभा चुनाव से ठीक पहले लिया गया। यह इस मायने में भी अहम है कि इंडिया गठबंधन में जेएमएम भी शामिल है। लोकसभा चुनाव में हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन की सक्रिय रुप से दखल देना कई समीकरण को साधने का काम करेगा। जिसको लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। दरअसल लोकसभा चुनाव को लेकर मार्च में घोषणा होनी है। वही, पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद झामुमो को अभिभावक की तलाश थी। जिसको देखते हुए शिबू सोरेन के सहमति के साथ इस फैसले पर मुहर लगा।
स्थापना दिवस पर कल्पना सोरेन ने सबसे पहले संबोधन में कहा कि आप सभी को जननायक हेमंत सोरेन जी और कल्पना का जोहर। झारखंडवासियों और झामुमो परिवार के असंख्य कर्मठ कार्यकर्त्ताओं की इच्छा पर मैं सार्वजनिक जीवन की शुरुआत कर रही हूं। उन्होंने कहा कि किसानों का ऋण माफ करना अपराध था या फिर झारखंड के लोगों को जहाज से अपने राज्य में वापस लाना अपराध था। इनकी सोच इतनी गंदी है कि इन्होंने यह तक नहीं देखा जो झारखंडी अपने राज्यवासियों के लिए काम कर रहा है, उसको जेल में डालने का मतलब हर एक झारखंडियों के स्वाभिमान के साथ खिलवाड़ है। अपने हेमंत को जेल में नहीं डाला है, यहां के स्वाभिमान को जेल में डाला है। आने वाले वक्त में इसका करारा जवाब मिलेगा। समारोह में मौजूद लोगों से उन्होंने कहा कि आप लोग जैसे मेरे पति के दिल में बसते हैं, आज वह मेरे लिए दिल में बस रहे हैं। इतना बोलते ही कल्पान सोरेन फफक फफक के रोने लगी। और भारी आवाज में कहीं हम लड़ेगे, जीतेगे। जिसके बाद मंच में बैठे नेताओं ने जेल का तारा टूटेगा हेमंत सोरेन छूटेगा समेत नारों से कल्पना सोरेन का हौसला बढ़ाया। इसके बाद वे कुछ संभली और अपना भाषण जारी रखा।
बता दें कि पिछले कई वर्षों से इस समारोह में शिबू सोरेन अथवा हेमंत सोरेन शामिल होते रहे है। इस बार हेमंत सोरेन के जेल जाने के कारण मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन कार्यक्रम में शामिल हुए। सीएम के साथ कल्पना सोरेन भी समारोह में पहुंची। वही, धनबाद के समारोह में सीएम चंपाई सोरेन अकेले ही पहुंचे थे। गिरिडीह के स्थापना दिवस समारोह में कल्पना सोरेन के शामिल होने और सार्वजनिक जीवन में आने की घोषणा से सूबे की राजनीतिक में हलचल तेज हो गयी है।
कल्पना को दिशोम गुरु शिबू सोरेन का मिला आशीर्वादः
कल्पना सोरेन ने रविवार को एक्स पर पोस्ट साझा किया। जिसमें उन्होंने लिखा है कि आज अपने जन्मदिन और कल (सोमवार) गिरिडीह में झामुमो के स्थापना दिवस कार्यक्रम में शामिल होने से पहले राजनीतिक सफर की शुरुआत कर रही है। इस दौरान उन्होंने झारखंड राज्य के निर्माता सह झामुमो अध्यक्ष दिशोम गुरु और सास रूपी सोरेन से आशीर्वाद लिया। इसके साथ ही एक्स पर कल्पना ने आशीर्वाद लेते तस्वीर को भी साझा किया। इससे पहले कल्पना पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से होटवार मिलने पहुंची। दरअसल हेमंत सोरेन ने जेल में पढ़ने के लिए कुछ किताबें मंगवाई थी। जिनमें वरिष्ठ पत्रकार अनुज कुमार सिन्हा की किताब सत्ता, शोषण और संघर्ष और डीडी बसु की भारत का संविधान नामक किताब कल्पना खुद देने गई थी। इस दौरान उन्होंने अपने पति से आशीर्वाद भी लिया।
वही, पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद उनका सोशल मीडिया कल्पना सोरेन ही यूज कर रहीं। आगे उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि मेरे पिता भारतीय सेना में थे। पिताजी ने सेना में रहकर देश के दुश्मनों का डटकर सामना किया। बचपन से ही उन्होंने मुझमें बिना डर सच के लिए संघर्ष करना और लड़ना सिखाया।