झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस राजेश कुमार की अदालत ने दहेज प्रताड़ना से जुड़े एक मामले में सुनवाई के दौरान आरोपी को कोर्ट रूम से ही हिरासत में लेने का आदेश दिया है। साथ ही आरोपी को संबंधित अदालत जहां उसका मामला लंबित है, वहां प्रस्तुत करने का निर्देश पुलिस को दिया है। जिसके बाद हाईकोर्ट में प्रतिनियुक्ति डीएसपी ने आरोपी सत्यनारायण प्रसाद को हिरासत में ले लिया। आरोपी के खिलाफ देवघर के निचली अदालत ने कुर्की का भी आदेश दिया था और उसे भगोड़ा घोषित भी किया था। दरअसल, वर्ष 2012 में देवघर टाउन पुलिस स्टेशन में आरोपी सत्यनारायण प्रसाद के खिलाफ 498 ए के तहत कांड संख्या 2011/2012 दर्ज कराया गया था। इसके बाद वर्ष 2012 में उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया था।
अदालत से आरोपी को दो माह की औपबंधिक जमानत की सुविधा प्रदान की थी। लेकिन वह उस सुविधा को पूरी होने के बाद से वह गायब था। आरोपी ने देवघर की निचली अदालत द्वारा उसके खिलाफ चलाई जा रही आपराधिक कार्यवाही को निरस्त करने के लिए झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। झारखंड हाई कोर्ट ने उसकी याचिका खारिज कर दी थी, इसके बाद उसने हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की थी। सुप्रीम कोर्ट से भी उसे राहत नहीं मिली थी। इसके बाद आरोपी ने फिर से देवघर के निचली अदालत में उसके खिलाफ दर्ज आपराधिक कार्यवाही को निरस्त करने को लेकर वर्ष 2023 में झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। जिसकी सुनवाई हाई कोर्ट के जस्टिस राजेश कुमार की कोर्ट में हुई। प्रतिवादी की ओर से बताया गया कि निचली अदालत ने उसे फरार घोषित किया है और उसके खिलाफ कुर्की की कार्रवाई भी हुई है। इसके बाद हाईकोर्ट के जस्टिस राजेश कुमार की अदालत से ही आरोपी को गिरफ्तार कर कस्टडी में लेने का निर्देश देते हुए उसे संबंधित कोर्ट में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।