झारखंड हाईकोर्ट में मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी के द्वारा की गई गिरफ्तारी सही है या गलत है इस बिंदु पर ने सुनवाई हुई। जो पूरी नहीं हो पाई। बुधवार को भी इस बिंदु पर सुनवाई जारी रहेगी। गिरफ्तारी के खिलाफ दायर याचिका पर एक्टिंग चीफ जस्टिस एस चंद्रशेखर और जस्टिस एके राय की अदालत में सुनवाई हुई। पूर्व में प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता अदालत से आग्रह किया कि उनके द्वारा जो अमेंडमेंट पिटीशन (संसोधन याचिका) दायर किया गया था। उसे स्वीकार कर लिया था। उन्होंने अदालत को बताया कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मुख्यमंत्री का गिरफ्तारी असंवैधानिक है। इस तरह से गिरफ्तारी नहीं की जा सकती है।
ईडी के अधिवक्ता ने उसके इस दलील का विरोध किया। उन्होंने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय की ओर से जो कार्रवाई की गई है। वह सही है। इसलिए इस याचिका को खारिज कर दिया जाए। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत, प्रार्थी के आग्रह को स्वीकार करते हुए, अमेंडमेंट पिटीशन को स्वीकार कर लिया था। जिसके बाद प्रवर्तन निदेशालय को प्रार्थी के अमेंडमेंट पिटीशन की मेरिट पर जवाब दायर करने को कहा था। कोर्ट के इस आदेश के आलोक में जवाब दायर किया गया।
बता दें कि हेमंत सोरेन ने गिरफ्तारी के खिलाफ पहले ही झारखंड हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। बाद में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें हाईकोर्ट जाने को कहा था। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने धन शोधन मामले में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की याचिका पर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। हेमंत सोरेन ने प्रवर्तन निदेशालय की ओर से की गई उनकी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी।