अनुसूचित जाति समिति के अध्यक्ष उपेंद्र कुमार रजक ने कहा कि गठबंधन की चंपाई सोरेन सरकार लगातार अनुसूचित जाति के लोगों को अपमान करने का काम कर रहा है। पूरे प्रदेश में 50 लाख से अधिक अनुसूचित जाति से जुड़े 22 उपजातियों के लोग रह रहे है, लेकिन चंपाई सरकार के कैबिनेट में अनुसूचित जाति का प्रतिनिधित्व ही नहीं है। इस सरकार में समाज के लोगों की संवैधानिक हक व अधिकार की बात नहीं हो रही है। ये बातें उन्होंने रविवार को धुर्वा में अनुसूचित जाति के 22 उपजातियों के प्रमुख लोगों के साथ हुई बैठक में कहींं। दरअसल इस दौरान बैठक में अनुसूचित जाति के संविधानिक, राजनीतिक अधिकारों और विधायक बैजनाथ राम को राजभवन से वारंट के बाद भी चंपई सोरेन मंत्रिमंडल में शामिल नहीं करने को लेकर पर विस्तार पूर्वक चर्चा हुई।
उपेंद्र रजक ने कहा कि प्रदेश की सरकार ने पहले भी नगर निकाय चुनाव में अनुसूचित जाति के लोगों को सपने दिखाकर उसे छिनने का काम किया था। जिसके बाद फिर से एक बार विधायक बैजनाथ राम को मंत्रिमंडल में शामिल ना करना, इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। प्रदेश की चंपाई सोरेन सरकार दलितों का हक छिनने का काम कर रही है। इस तरह की सरकार के आचरण से समाज अपमानित महसूस कर रहा है। जिसका हर स्तर पर विरोध किया जाएगा।
अनुसूचित जाति महासभा के संतोष कुमार रजक ने कहा कि अनुसूचित जाति आयोग खाली पड़ा है। जेपीएससी व जेएसएससी जैसे संवैधानिक संस्था में समाज का कोई प्रतिनिधित्व करने वाला नहीं है। इन सारे विषयों को लेकर समाज के लोगों में आक्रोश है। वही, बैठक में समाज के लोगों ने एक जुटता दिखाते हुए कहा कि यदि सरकार दो दिनों में अनुसूचित जाति समाज को मंत्रिमंडल में जगह नहीं देती है, तो प्रदेश भर में अनुसूचित जाति से जुड़े लोग चरणबद्ध तौर पर उग्र प्रदर्शन की शुरुआत करेगें।
वही, बैठक में पासवान महासम्मेलन के संयोजक बबलू पासवान, संत गाडगे संस्था के महासचिव शिवजी राम, नायक समाज से करण नायक, रविदास समाज से धर्मेंद्र राम, वाल्मीकि समाज से गोविंद वाल्मीकि, रंजीत बावरी, रंजीत भुईयां, छोटू पासवान, ऑल इंडिया दुसाध परिवार, भीम आर्मी, अखिल भारतीय धोबी महासंघ से जुड़े लोगों ने भी अपने विचारों को रखा। बैठक में रामसागर राम, लाल बहादुर पासवान, टूना रजक, सुरजीत पासवान, श्याम नंदन प्रसाद, राजेंद्र प्रसाद, कृष्णकांत बौद्ध, धर्मेंद्र राम, जगदीश राम, संजय पासवान, करण नायक, अर्जुन मांझी, लक्ष्मण बौद्ध, वीरेंद्र पासवान, दामोदर बौद्ध, अशोक रजक, देवानंद रजक समेत अन्य उपस्थित थे।