टेरर फंडिंग मामले के आरोपी छह साल से अधिक समय से जेल में बंद गुमला निवासी प्रभु प्रसाद साहू को अदालत ने जमानत देने से इनकार किया है। उसकी ओर से दाखिल जमानत याचिका पर एनआईए के विशेष न्यायाधीश एमके वर्मा की अदालत में सुनवाई हुई। सुनवाई पश्चात उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी है। मामले में वह 14 नवंबर 2017 से ही जेल में है। याचिका पर सुनवाई के दौरान एनआईए के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन का सदस्य है। जांच के दौरान कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज और लेख जब्त किया गया है। जो आरोप का पर्याप्त संकेत देता है। वह सीपीआई माओवादी की आपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले फंड की साजिश और निषिद्ध गतिविधियों में शामिल था। सीपीआई माओवादी के सदस्य उद्योगपतियों, खनन, सड़क निर्माण के ठेकेदारों, तेंदू पत्ता ठेकेदारों से लेवी वसूलता था। बता दें कि शिकायत पर चुटिया थाना पुलिस ने 30 अगस्त 2017 को रांची रेलवे स्टेशन पर मामले के आरोपियों मूला सत्यनारायण रेड्डी एवं बुरेदी नारायाण को लेवी की मोटी रकम के साथ गिरफ्तार किया था। बाद में इस केस को एनआईए ने टेकओवर किया है। जांच के दौरान प्रभु प्रसाद साहू का नाम आया था।