Santosh chourasia
बड़गाई अंचल के राजस्व कर्मचारी भानू प्रताप प्रसाद ने अंचल में काम करने के दौरान जमीनों के ऑफलाइन दस्तावेज यानी सरकारी कागज के साथ हेरफेर किया है। जिस जमीन के टूकड़े यानी बड़गाई अंचल के 8.46 एकड़ जमीन घोटाले के आरोप में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी ने गिरफ्तार किया। और पूर्व सीएम को अपनी कुर्सी भी गवानी पड़ी। उस जमीन से जुड़े रिकॉर्ड ईडी को भानू प्रताप के मोबाइल फोन से मिले है। जिसका ईडी के पास पुख्ता सबूत है। यह बात भी निकल के आई है कि इन हेराफेरी से पहले भानू पुराने डीड रजिस्ट्री के दस्तावेज को बनवाया करता था। इसके बाद ही जालसाजी के काम को आगे बढ़ाता था।
जानकारी हो कि अदालत की अनुमति पर ईडी ने छह फरवरी को जेल से भानु को चार दिनों के लिए अपने साथ ले गई है। चार दिनों की पुलिस रिमांड की अवधि नौ फरवरी यानी आज पूरी हो गयी। जिसको देखते हुए ईडी ने कोर्ट में पेशी के साथ ही पुलिस रिमांड की मांग की। वही, इसी मामले में पूर्व सीएम हेमंत सोरेन से भी पूछताछ जारी है।
दोनों को आमने-सामने बैठकर ईडी जमीन से जुड़े मामले पर सवाल जवाब कर रही है। बता दें कि ईडी ने सेना के कब्जेवाली 4.55 एकड़ जमीन घोटाले में बीते 13 अप्रैल को भानु प्रताप प्रसाद को गिरफ्तार किया था। तब से वह जेल में है। अब बड़गाई अंचल से जुड़े जमीन घोटाले वाले मसले पर भी रिमांड किया है। शुक्रवार को रिमांड की अवधि खत्म होने के बाद फिर से और चार दिनों का रिमांड लिया है। इस बाबत पीएमएलए कोर्ट में सुनवाई हुई। जिसमें के साक्ष्य प्रस्तुत किए गए। जिसके बाद ईडी को और चार दिन तक पूछताछ के लिए अनुमती दे दी है।
इस मामले में ईडी ने चौकाने वाले तथ्यों के साथ यह भी दावा कि भानू ने ऑनलाइन के साथ ऑफलाइन पेपर में हेराफेर कर कई लोगों को इसका लाभ पहुंचाया। इसके साथ ही भानू ने कुछ खास लोगों के नाम पर उन जमीनों के दस्तावेज तैयार किए हैं। जिसमें उसने मनमाफिक पैसे अर्जित किया है। उसने अपने लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए नियम को ताक पर रख जमीन के नेचर को ही बदल दिया।वहीं ऐसे कई जमीन को ईडी ने चिन्हित किया है, जो बलपूर्वक कब्जा कर लिए गए थे।