झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस आर मुखोपाध्याय की अदालत में गुरुवार को देवघर के परित्रण ट्रस्ट के मेडिकल कालेज की नीलामी के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं, इसपर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। मामले में 13 फरवरी को अदालत अपना आदेश सुनाएगी। इस संबंध में परित्रण ट्रस्ट की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।
सुनवाई के दौरान कहा गया है कि ट्रस्ट की संपूर्ण संपत्ति की कीमत काफी अधिक है, लेकिन बैंक रिकवरी अधिकारी ने संपूर्ण संपत्ति को मात्र 60 करोड़ में ही नीलाम कर दिया है। नीलामी के आदेश पर रोक लगाई जाए। सुनवाई के दौरान प्रतिवादियों की ओर से वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार और पीएएस पति ने अदालत को बताया कि उक्त याचिका हाईकोर्ट में सुनवाई योग्य नहीं है। बैंक लोन चुकाने के लिए वादी को अनेकों मौके दिए गए। लेकिन उन्होंने 175 करोड़ के बकाया का भुगतान नहीं किया। वादी हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने की बजाय रिकवरी बैंक एक्ट के अनुसार डीआरटी (ऋण वसूली न्यायाधिकरण) के समक्ष अपना पक्ष रख सकते हैं। इसके बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।