मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने विधानसभा में अपना दम दिखाया। जिसमें गठबंधन सरकार के पक्ष में 47 वोट पड़े। चंपई सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार ने एक तिहाई बहुमत के आकड़े को आसानी के साथ पार लिया है। इसके साथ ही सत्ता पक्ष ने फ्लोर टेस्ट में जीत हासिल कर ली है। दो दिवसीय झारखंड विधानसभा सत्र के पहले दिन मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को विश्वास मत हासिल करने की चुनौती थी। इस चुनौती को मुख्यमंत्री के लिए लिटमस टेस्ट के तौर पर देखा जा रहा था। जिसमें मुख्यमंत्री कामयाब रहे।
विशेष सत्र राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन के अभिभाषण से शुरु हुआ। जिसके बाद मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने विधानसभा स्पीकर रवींद्रनाथ महतो को विश्वास प्रस्ताव का प्रस्ताव दिया। इसके बाद विधानसभा स्पीकर फ्लोर टेस्ट के मद्देनजर मुख्यमंत्री को आमंत्रित किया। जिसके बाद विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरु हुई। इन सभी प्रक्रिया के बाद विधानसभा में वोटिंग शुरु की गयी। जिसमें सत्ता पक्ष को 47 और विपक्ष को 29 वोट मिले। वहीं, तीन वोट नहीं पड़े। जिसमें बीजेपी, जेएमएम और निर्दलीय से एक-एक विधायक फ्लोर टेस्ट में नहीं पहुंचे।
विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष की संख्या
विधानसभा में कुल 81 सीटें हैं। इसमें एक सीट खाली है। बहुमत का आंकड़ा मतलब सरकार को 41 विधायकों का समर्थन हासिल करना होता है। महागठबंधन से जेएमएम के 29, कांग्रेस के 17, आरजेडी के एक और सीपीआई(एमएल) के एक-एक विधायक शामिल हैं। इनकी कुल संख्या 48 है। वहीं, विपक्ष के 32 विधायक हैं। जिसमें एनडीए से बीजेपी के 26, आजसू के तीन, निर्दलीय दो और एनसीपी के एक विधायक शामिल हैं।
ईडी टीम के साथ विधायक हेमंत सोरेन पहुंचे विधानसभा
विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री सह विधायक हेमंत सोरेन फ्लोर टेस्ट में शामिल होने पहुंचे। ईडी की टीम के कस्टडी में हेमंत सोरेन को विधानसभा लाया गया। सत्ता पक्ष के विधायकों ने विधानसभा में हेमंत सोरेन के समर्थन में जिंदाबाद के नारे लगाए। वही, फ्लोर टेस्ट की प्रक्रिया जैसे ही खत्म हुई, उनको पुन: पुलिस कस्टडी में ले लिया गया।अदालत ने पुलिस कस्टडी में रहते हुए हेमंत सोरेन को मीडिया से दूरी बनाए रखने को कहा है। इस लिए वे मीडिया से बातचीत नहीं कर सके।