झारखंड मुक्ति मोर्चा ( सत्ताधारी दल )की बैठक शाम सात बजे से शुरु होनी है। इसमें गठबंधन के विधायक और मंत्री शामिल होगे। दरअसल झारखंड में पॉलीटिकल क्राइसिस की वजह से राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गयी है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लगभग 30 घंटे से लापता होने के बाद मंगलवार को दोपहर तकरीबन 1 बजे रांची पहुंचे। जिसके बाद उन्होंने महागठबंधन के विधायकों के साथ बैठक की।इसके बाद फिर से एक बार तकरीबन शाम सात बजे सत्ताधारी दल के विधायकों की बैठक होनी है। बैठक सीएम आवास में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में किया जाएगा। वही, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दिल्ली स्थित आवास पर छापेमारी को देखते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा ( जेएमएम) के सभी विधायकों को राजधानी रांची में ही रहने के निर्देश दिया गया हैं। इसके साथ ही विधायकों से राजनीतिक स्थिति पर चर्चा के लिए इस अहम बैठक में भाग लेने के लिए भी कहा गया है।
अगर ऐसा हुआ तो ये करेंगे, इस पर होगा रायशुमारी
सूत्रों के अनुसार बैठक में भविष्य की रणनीति पर चर्चा होगी। इसके साथ ही अगर ऐसा हुआ तो ये करेंगे, इस पर भी रायशुमारी की जाएगी। इस बात पर भी चर्चा हो सकती है कि यदि 31 जनवरी को पूछताछ के बाद मुख्यमंत्री को हिरासत में लिया जाता है तो गठबंधन में मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा। बैठक के माध्यम से विधायकों को एकजुटता का संदेश देने को भी कहा जाएगा। वही, जब दोपहर में मुख्मंत्री रांची पहुंचे थे और विधायकों के साथ अपने आवास पर बैठक की। उस बैठक में खास बात यह रही कि हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन भी मौजूद थी।
पॉलीटिकल क्राइसिस को देखते हुए इस बात पर भी मंथन होगा कि यदि मुख्यमंत्री को ईडी 31 जनवरी की पूछताछ के बाद हिरासत में ले जाते है अथवा निर्वाचन आयोग लिफाफे के आधार पर मुख्यमंत्री की सदस्यता रद्द करती है, तो क्या झारखंड की सीएम कल्पना सोरेन हो सकती है। इस सभी मुद्दों को लेकर रायशुमारी किया जाना है।