बिलकिस बानो केस में 11 दोषी वापस जेल भेजे जाएगे। सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार के आदेश को रद्द करने बाद यह फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केस महाराष्ट्र में चला था इसलिए, गुजरात सरकार दोषियों की रिहाई पर फैसला नहीं ले सकती थी। दरअसल गैंगरेप और हत्या के यह 11 दोषी लगभग 15 साल जेल में बिताने के बाद अगस्त 2022 में रिहा हुए थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भले ही दोषी लगभग डेढ़ साल से बाहर हैं, लेकिन उन्हें वापस जेल भेजने का फैसला लेते समय इस बात को महत्व नहीं दिया जा सकता। देश कानून के शासन के आधार पर चलता है। गुजरात सरकार के जिस आदेश के आधार पर यह रिहाई हुई, वह कानूनन गलत था। इसलिए दोषियों को इसका लाभ नहीं मिल सकता। कोर्ट ने सभी दोषियों से कहा कि वह 2 सप्ताह के अंदर समर्पण करें।
क्या है घटना
दाहोद जिले के रंधिकपुर गांव की बिलकिस अपने परिवार के 16 सदस्यों के साथ भाग कर पास के गांव छापरवाड के खेतों में छिप गई। 3 मार्च 2002 को वहां 20 से अधिक दंगाइयों ने हमला बोल दिया। इस दौरान 5 महीने की गर्भवती बिलकिस समेत कुछ और महिलाओं का बलात्कार और बिलकिस की 3 साल की बेटी समेत 7 लोगों की हत्या कर दी गयी। यह घटना 2002 के गुजरात दंगों के दौरान हुई थी।आरोपियों की तरफ से पीड़ित पक्ष पर दबाव बनाने की शिकायत मिलने पर सुप्रीम कोर्ट ने मुकदमा महाराष्ट्र ट्रांसफर कर दिया था। जिसके बाद 21 जनवरी 2008 को मुंबई की विशेष सीबीआई कोर्ट ने 11 लोगों को उम्र कैद की सजा दी। 2017 में बॉम्बे हाई कोर्ट और बाद में सुप्रीम कोर्ट ने भी सजा को बरकरार रखा।