ठेका मजदूरों के हक और अधिकार के लिए एटक और भाकपा ने संयुक्त रुप से सीसीएल मुख्यालय दरभंगा हाउस के समक्ष धरना प्रदर्शन किया। जिसमें सैंकड़ों की संख्या में ठेका मजदूर शामिल हुए। वही, दरभंगा हाउस में 15 , 16 वर्षों से कार्यरत ठेका मजदूरों ने केंद्र सरकार के न्यूनतम मजदूरी 628 रुपया भुगतान करने की मांग को लेकर आंदोलन कर अपने मांगों के समर्थन में आवाज बुलंद किया। इसका नेतृत्व एटक के महासचिव अशोक यादव, भाकपा राज्य सचिव महेंद्र पाठक और जिला सचिव अजय सिंह ने संयुक्त रुप से की।
उन्होंने कहा कि दरभंगा हाउस (सीसीएल) के पदाधिकारी ठेका मजदूरों को छलने का काम कर रही है। केंद्र सरकार के निर्धारित न्यूनतम मजदूरी यानी 628 रुपये को मजदूरों को भुगतान नहीं किया जा रहा है। इसमें ठेकेदारों की भी मिलीभगत रहती है। जिसका खामियाजा ठेका मजदूरों को उठाना पड़ा रहा है। जिसको लेकर मजदूर आक्रोशित है। जो ठेका मजदूर काम कर रहे है, उन्हें ना तो अबतक पहचान पत्र और ना ही ईएसआई व इपीएफ से जुड़े पहचान पत्र दी गयी है। उन्होंने कहा कि न्यूनतम मजदूरी मांगे जाने पर मजदूरों को काम से हटा दिया जाता है। जिससे मजदूरों में आक्रोश व्याप्त है। अगर समय रहते प्रबंधन मजदूरों की समस्या का समाधान नहीं निकाला, तो बाध्य होकर जोरदार आंदोलन किया जाएगा।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के प्रदेश सचिव महेंद्र पाठक ने कहा कि सीसीएल भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है । ठेका मजदूर दरभंगा हाउस का हो या माइनिंग क्षेत्र में आउटसोर्सिंग का हो, कहीं भी हाई पावर कमेटी के फैसले को लागू नहीं किया गया है। सीसीएल प्रबंधन और ठेकेदार के गठजोड़ के कारण मजदूरों की पसीने की कमाई लूटी जा रही है। इसलिए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मजदूरों के लड़ाई को समर्थन करता है। किसान मजदूर को मजबूती एकता के साथ सीसीएल प्रबंधन के खिलाफ लड़ाई को तेज करना होगा। सीसीएल में लगातार अवैध कारोबार चल रहा है। जो सीसीएल प्रबंधन दरभंगा हाउस के मुख्यालय से संचालित हो रही है। इसीलिए ठेकेदार और कोयला माफिया गठजोड़ के खिलाफ लड़ाई को तेज करनी होगी। जब तक मजदूरों की मांगे पूरी नहीं होगी, चट्टानी एकता के साथ आंदोलन को आगे बढ़ाया जाएगा । उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर सीसीएल मुख्यालय तक में तालाबंदी का काम किया जा सकता है।
ये रहे आंदोलन में शामिल
आंदोलन को सफल बनाने में सीसीएल मुख्यालय गेट पर विनोद मिश्रा, लखविंदर राय ,कुणाल नाथ ,रवि शेखर ,आरके पाठक, विनायक कुमार ,रणधीर कुमार, ओमप्रकाश, दशरथ प्रसाद मेहता, संतोष कुमार ,चिंटू सिंह ,कुणाल नाथ, रवि शेखर ,तिलेश्वर महतो ,मंजू कश्यप, रेनू तिर्की, सुष्मिता तिर्की, सोनी कुमारी ,जतन देवी, देवंती देवी, अमन उरांव, प्रेमनाथ महतो ,अमरनाथ बेड़िया ,नारायण , सुरेंद्र महतो ,अजीत समेत सैंकड़ो की संख्या में मजदूर शामिल हुए।