सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। खान विभाग में मंत्री रहते हुए हेमंत सोरेन ने खुद एवं अपने रिश्तेदारों को माइनिंग लीज आवंटन करने से संबंधित मामले को लेकर दायर जनहित याचिका पर झारखंड हाइकोर्ट ने बुधवार को वर्चुअल फैसला सुनाया। इससे पहले कोर्ट ने पूर्व में फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसके साथ ही आरटीआइ कार्यकर्ता एवं हाइकोर्ट के अधिवक्ता सुनील कुमार महतो की जनहित याचिका खारिज कर दी है। हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा की अध्यक्षतावाली खंडपीठ ने इससे पहले सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता राजीव रंजन एवं अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने कोर्ट को बताया था कि सीएम हेमंत सोरेन के माइनिंग लीज से संबंधित शिव शंकर शर्मा की दो जनहित याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
इन आरोपों की जांच को लेकर दायर की गई थी जनहित याचिका :
प्रार्थी की ओर से कोर्ट को पूर्व सुनवाई सुनवाई में बताया गया था कि सीएम हेमंत सोरेन ने खान विभाग के मंत्री पद पर रहते हुए संवैधानिक पद का दुरुपयोग किया है। जिसके तहत उन्होंने स्वयं के लिए अनगड़ा में माइनिंग लीज आवंटित कर लिया है। इसके अलावा उन्होंने अपनी पत्नी कल्पना सोरेन एवं साली सरला मुर्मू के फार्म को भी माइनिंग लीज आवंटित किया है। प्रार्थी ने इन सभी बिंदुओं को लेकर संबंधित प्राधिकार के पास सीएम, उनके रिश्तेदारों एवं सहयोगियों की जांच करके कार्रवाई करने का अनुरोध किया था। लेकिन किसी संबंधित प्राधिकार ने करवाई नहीं की। अंततः उन्होंने हाइकोर्ट में जनहित याचिका दाखित की है, ताकि संबंधित प्राधिकार को जांच कर कार्रवाई करने का आदेश पारित किया जाये।