कई महत्वपूर्ण लोगों को भेजा गया जेल, कई पुराने मामले में नहीं आ सके फैसले, कुछ मामलो में रहा बेहतरीन साल
रांची सिविल कोर्ट स्थित ईडी व सीबीआई अदालतें साल 2023 में अपने कई महत्वपूर्ण फैसले के लिए चर्चित रही। मनी लाउंड्रिंग के आरोप में आईएएस छवि रंजन, विष्णु अग्रवाल समेत कई बड़ी नामी हस्तियां की गिरफ्तारी हुई और जेल भेजे गए। ईडी ने 2023 में मनी लाउंड्रिंग के आरोप में सबसे अधिक 10 अलग-अलग केस दर्ज की है। चारा घोटाले के सबसे बड़े और अंतिम मामले में 27 साल बाद फैसला आया। इसी के साथ रांची में चल रही चारा घोटाले के सभी मामलों का निपटारा हो गया। अभिनेत्री अमीषा पटेल को चेक बाउंस मामले में रांची कोर्ट में आकर सरेंडर करना पड़ा। बकोरिया मुठभेड़ की फाइल घटना के आठ साल बाद सीबीआई के क्लोजर रिपोर्ट पर अदालत ने बंद किया। सिविल कोर्ट में ई-फाइलिंग से केस दर्ज करने की प्रक्रिया प्रारंभ हुई। नेशनल शूटर तारा शाहदेव से जुड़े बहुचर्चित समेत कई महत्वपूर्ण मामलों में आया फैसला। नाबालिग से यौन उत्पीड़न मामले में चार दर्जन से अधिक अभियुक्तों को कठोर सजा हुई। जजों की संख्या बढ़कर सिविल कोर्ट के इतिहास में पहली बार अधिकतम 55 हुई।
महत्वपूर्ण लोग जो भेजे गए जेल :
मनी लाउंड्रिंग में एक आईएएस और चीफ इंजीनियर समेत 20 से अधिक गए जेल : ईडी ने मनी लाउंड्रिंग मामले में 10 केस दर्ज किया। आईएएस छवि रंजन, चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम, कारोबारी अमित अग्रवाल, योगेंद्र तिवारी समेत 20 से अधिक को जेल भेजा गया। वहीं एनआईए ने 200 से अधिक मामलों में वंछित नक्सली दिनेश गोप को गिरफ्तार कर जेल भेजा। एटीएस ने गैंगस्टर अमन श्रीवास्तव को भेजा गया जेल।
कई पुराने मामले में नहीं आ सके फैसले :
भ्रष्टाचार के आरोप में सीबीआई एवं एसीबी कोर्ट में दो दशक या उससे अधिक पुराने मामलों में से सिर्फ एक मामले में ही इस साल फैसला आया। जबकि लगभग 50 केस लंबित है। इसमें अलकतरा घोटाला, भूमि घोटाला, रिश्वत लेने का मामला शामिल है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, पूर्व मंत्री भानु प्रताप शाही, कमलेश सिंह से जुड़े मामलों की सुनवाई पूर्व की तरह कछुआ चाल से जारी रही।
जेएसईबी के पूर्व चेयरमैन पर हुआ आरोप तय :
जेएसईबी के पूर्व अध्यक्ष एसएन वर्मा समेत सात आरोपियों पर निविदा में अनियमितता से जुड़े 12 साल पुराने मामले में सीबीआई कोर्ट में आरोप तय किया गया। मुख्यमंत्री के बरहेट विधायक पंकज मिश्रा, निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल समेत कईयों पर मनी लाउंड्रिंग मामले में आरोप तय किया गया। रांची हिंसा के पहले मामले में अदालत ने नौ आरोपियों पर आरोप तय किया। आय से अधिक संपत्ति मामले में रांची के प्रधान आयकर आयुक्त तापस दत्ता पर आरोप तय किया गया।
आए महत्वपूर्ण फैसले :
लालपुर के अग्रवाल बंधु हत्याकांड में लोकेश चौधरी समेत तीन को उम्र कैद की सजा। सरकारी धन का दुरुपयोग मामले में बर्खास्त जूनियर इंजीनियर राम बिनोद प्रसाद सिन्हा 12 साल पुराने में सात साल की सजा। चर्चित थोक चावल कारोबारी नरेंद्र सिंह होरा हत्याकांड में चार को उम्र कैद की सजा सुनाई गई। सिर कटी लाश केस में शेख बेलाल दंपति को आखिरी सांस तक की सजा। तारा शाहदेव से यौन उत्पीड़न मामले में आरोपी रंजीत सिंह कोहली को अंतिम सांस तक सजा। इसी मामले में झारखंड हाईकोर्ट के बर्खास्त विजिलेंस जज मुस्ताक अहमद को भी 10 साल की सजा सुनाई गई।
जेल से नहीं निकल पाए कई नामी चहेरे :
निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल, रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन, निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम, कोलकाता कारोबारी अमित अग्रवाल, पावर ब्रोकर प्रेम प्रकाश, चर्चित कारोबारी विष्णु अग्रवाल, मुख्यमंत्री के बरहेट विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा।
अलविदा 2023 : झारखंड हाईकोर्ट
झारखंड हाईकोर्ट के लिए इस साल कई मायने में एतिहासिक रहा। हाईकोर्ट को नया बेमिसाल भवन मिला। इस हाईकोर्ट के क्षेत्रफल 165 एकड़ में फैला है। इस बनाने में करीब 550 करोड़ रुपए की लागत आई है। झारखंड हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस अपरेश कुमार सिंह त्रिपुरा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने। हाईकोर्ट को नया चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा मिला। हालांकि 29 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। करीब 10 महीने की छोटी अवधि में कई महत्वपूर्ण फैसले सुनाए। राज्य के पहले चीफ जस्टिस हुए जो सप्ताह में पांचों दिन जनहित याचिकाएं सुनी। कई गैर जरूरी अनावश्यक पीआईएल को निष्पादित किया। हाईकोर्ट से कई आरोपियों को जमानत की सुविधा प्रदान की। इसमें छह साल से अधिक समय से जेल में रहे पूर्व मंत्री गोपाल कृष्ण पातर उर्फ राजा पीटर शामिल है। इसके अलावा मनी लाउंड्रिंग के कई आरोपियों को रहत मिली। इस साल हाईकोर्ट के लिए एक दुखद खबर भी रही। कार्यरत जस्टिस केपी देव लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया।
स्वीकृत पद से छह न्यायाधीश कम :
हर साल की तरह इस साल भी झारखंड हाईकोर्ट में स्वीकृत न्यायाधीशों की संख्या पूरी नहीं हो सकी। वर्तमान में चीफ जस्टिस समेत 19 जज कार्यरत हैं। जबकि न्यायाधीशों की 25 पद स्वीकृत है। 29 दिसंबर को चीफ जस्टिस के सेवानिवृत्त होने के बाद इसकी संख्या 18 हो जाएगी। झारखंड हाईकोर्ट में वर्तमान समय में 84361 केस लंबित है। इसमें से 46410 केस आपराधिक केस शामिल है।