झारखंड हाईकोर्ट ने बुधवार को देवघर एयरपोर्ट में नाइट लैंडिंग शुरू नहीं होने तथा एयरपोर्ट के आस-पास की ऊंची बिल्डिंग को तोड़ने से संबंधित अवमानना याचिका पर अपना फैसला सुनाया। हाईकोर्ट ने देवघर एयरपोर्ट के आस-पास के टूटने वाले सात भवनों के मुआवजा को असेसर द्वारा तय की गई राशि से 25 फीसदी बढ़ा कर देने का आदेश दिया। कोर्ट ने राज्य सरकार को सात भवनों को तोड़ने का आदेश दिया। इसके साथ ही एक महीने के अंदर प्रभावित मकान मालिकों को मुआवजा भुगतान करने का आदेश राज्य सरकार को दिया है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा एवं जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने सांसद निशिकांत दुबे की अवमानना याचिका पर यह फैसला सुनाया। झारखंड हाईकोर्ट ने बीते 19 सितंबर को याचिका पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के पश्चात फैसला सुरक्षित रख लिया था। पूर्व की सुनवाई में याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया था कि तत्कालीन देवघर डीसी के निर्देश पर देवघर एयरपोर्ट के आस-पास के जो सात ऊंचे भवन टूटने हैं उनके नफ-नुकसान की जांच-पड़ताल के लिए नियुक्त असेसर ने अपनी रिपोर्ट दे दी है। असेसर ने सात भनवों की मापी कर उन मकानों के क्षतिग्रस्त होने से मकान मालिकों को मिलने वाले मुआवजा राशि निर्धारित किया है।