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राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में भारतीय दूरसंचार विधेयक पेश, मान्यता प्राप्त मीडियाकर्मियों के भारत में प्रकाशित होने वाले मैसेज पर तब तक रोका नहीं, जब तक राष्ट्रीय सुरक्षा के नियमों के तहत प्रतिबंधित ना हो
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इंडियन टेलीग्रॉफ एक्ट 138 साल पुराने को केंद्र सरकार ने बदलने का फैसला किया है। जिसके मद्देनजर सोमवार को लोकसभा में भारतीय दूरसंचार विधेयक, 2023 को पेश कर दिया गया। इस पर सरकार ने कहा कि टेलीकॉम सेक्टर में तेजी से बदलाव हो रहा है। टेक्नोलॉजी को ध्यान में रखते हुए नए कानून की जरूरत है। इनमें से कुछ कानून 138 साल पुराने हैं। कैबिनेट से इस विधेयक को अगस्त 2023 में ही मंजूरी मिल गई थी। जिसको आज पेश दिया गया है। बिल के प्रावधानों के मुताबिक केंद्र अथवा राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त मीडियाकर्मियों के भारत में प्रकाशित होने वाले मैसेज को तब तक रोका नहीं जाएगा, जब तक कि उनका ट्रांसमिशन राष्ट्रीय सुरक्षा के नियमों के तहत प्रतिबंधित ना हो। इसके साथ ही मैसेज को गैरकानूनी तरीके से इंटरसेप्ट करने पर 3 साल तक की सजा, 2 करोड़ रुपये का जुर्माना या फिर दोनों के प्रावधान को शामिल किया गया है।
वही, भारतीय दूरसंचार विधेयक, 2023 के पास होने पर सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा के हित अथवा पब्लिक इंमरजेंसी पर किसी भी टेलीकम्युनिकेशन सर्विस या फिर नेटवर्क चलाने वाली कंपनी को प्रबंधित या निलंबित कर सकती है। दूरसंचार, इलेक्ट्रोनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में हंगामे के बीच इस विधेयक को पेश किया। टेलीकम्युनिकेशन बिल, 2023 के प्रावधानों के अनुसार आपदा प्रबंधन अथवा पब्लिक सेफ्टी को देखते हुए आपातकाल की घटना होने पर टेलीकम्युनिकेशन सर्विस या टेलीकम्युनिकेशन नेटवर्क पर अस्थायी तौर पर कब्जा कर सकती है। यह अधिकार केंद्र या राज्य सरकार के अधिकृत अधिकारी को होगा। वही, सरकार ने दूरसंचार विधेयक के माध्यम से यूजर्स की सेफ्टी को बढ़ाने के लिए ओवर-द-टॉप, इंटरनेट आधारित कॉलिंग और मैसेजिंग ऐप्स को दूरसंचार की परिभाषा के तहत लाने का प्रस्ताव लाया है। नए बिल में और भी नए प्रावधानों को ड्रॉफ्ट किए गए है।