झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार मिश्रा एवं जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में बुधवार को आवास बोर्ड द्वारा निर्मित फ्लैट पर अन्नाधिकृत रूप से कब्जा करने और बाद में बोर्ड के अधिकारियों की मिलीभगत से उस फ्लैट का मालिकाना हक प्राप्त करने के खिलाफ दायर जनहिदत याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान खंडपीठ प्रार्थी द्वारा सरकार के जवाब पर अपना प्रतिउत्तर देने के लिए हमेशा समय की मांग की जाने पर नाराजगी जताई। सरकार की ओर से बताया गया कि अब तक जवाब देने के लिए पांच बार समय दिया गया है। लेकिन जवाब दाखिल नहीं की गई है। इस पर नाराज खंडपीठ ने याचिका को खारिज करते हुए प्रार्थी पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। यह जनहित याचिका सुधीर चौधरी की ओर से की गई थी। दाखिल याचिका में कहा गया था कि आवास बोर्ड ने भवन बनाकर कई वर्षों तक छोड़ दिया जाता है। किसी को आवंटित नहीं किया जाता है। जिसके कारण कई अनाधिकृति लोक इस फ्लैट पर कब्जा कर लेते हैं। बाद में अधिकारियों की मिलीभगत से पैसे का खेल होता है। इस पर रोक लगाई जानी चाहिए।