झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में बुधवार को झारखंड विधानसभा में नियुक्ति में गड़बड़ी से जुड़े मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद की रिपोर्ट पेश नहीं किए जाने पर अदालत ने नाराजगी जाहिर की और विधानसभा सचिव को एक सप्ताह में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। अदालत ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि कोर्ट के तीन बार आदेश दिए जाने के बाद भी सचिव की ओर से जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद आयोग की रिपोर्ट अब तक पेश नहीं की गयी है। यह न्यायिक प्रक्रिया में व्यवधान डालने जैसा है। कोर्ट ने मौखिक कहा कि अगर विधानसभा सचिव रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत नहीं करते हैं, तो उन पर आपराधिक अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाएगी। सुनवाई के दौरान अपर महाधिवक्ता जयप्रकाश और अधिवक्ता अनिल कुमार ने कोर्ट को बताया कि कैबिनेट ने जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद आयोग की रिपोर्ट को जस्टिस एसजे मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली कमीशन के पास भेजा है। कैबिनेट सचिवालय से जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद की रिपोर्ट मांगी गई है, यह रिपोर्ट अब तक नहीं मिली है।