बिहार में जाति आधारित जनगणना रिपोर्ट जारी कर दी है। जिसमें बिहार में सामान्य वर्ग के लोगों की आबादी 15 प्रतिशत है। यह रिपोर्ट सोमवार को मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने जारी किया। रिपोर्ट के अनुसार पिछड़ा वर्ग की आबादी 27 प्रतिशत से अधिक है। जबकि अनुसूचित जाति की आबादी तकरीब 20 फीसदी है। बताते चले कि बिहार में लगभग 81.99 प्रतिशत हिंदू , इस्लाम धर्म को मानने वालों की संख्या 17.7 प्रतिशत और शेष ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन समेत अन्य धर्म के मानने वालों की संख्या 1 प्रतिशत से भी कम है। वही, राज्य के 2146 लोगों ने अपना कोई धर्म नहीं बताया।
बिहार में बीजेपी और जदयू की सरकार के दौरान ही विधानसभा और विधान परिषद ने जाति आधारित गणना कराए जाने के प्रस्ताव को पारित किया गया था। कोरोना की स्थिति संभालने के बाद 1 जून 2022 को सर्वदलिय बैठक में जाति आधारित गणना को सर्वसम्मति से कराने का प्रस्ताव पारित कर सहमती प्रदान की गयी थी। बिहार सरकार ने कुल 214 जातियों के आंकड़े को जारी किया हैं। इनमें कुछ ऐसी जातियां भी हैं, जिनकी कुल आबादी सौ से भी कम है। आंकड़ों की माने तो, बिहार की आबादी 13,07,25,310 है। राज्य में प्रति 1000 पुरुषों में 953 महिलाएं हैं। जिसमें सर्वेक्षित परिवारों की कुल संख्या 2,83,44,107 है। वही, पुरुष 4 करोड़ 41 लाख और महिलाओं की संख्या 6 करोड़ 11 लाख है।
किस वर्ग की कितनी आबादी
सामान्य वर्ग – 15.52%
पिछड़ा वर्ग- 27.12%
ओबीसी – 36.1%
अनूसूचित जाति- 19.65%
अनूसचित जनजाति – 1.68%
किस जाति की कितनी आबादी
ब्राह्मण- 3.67 प्रतिशत
राजपूत- 3.45 प्रतिशत
भूमिहार- 2.89 प्रतिशत
कायस्थ – 0.60 प्रतिशत
यादव – 14.26 प्रतिशत कुरमी- 2.87 प्रतिशत
तेली- 2.81 प्रतिशत
मुसहर- 3.08 प्रतिशत
सोनार- 0.68 प्रतिशत