मौसम विभाग ने सोमवार को बताया कि इस बार मानसून की वापसी सामान्य से आठ दिन देरी से हो रही है। पहले इसकी कटऑफ तारीख 17 सितंबर मानी जाती थी । वही, भारत से 15 अक्तूबर तक यह पूरी तरह लौट जाता है। पिछले साल की तुलना में इस बार भी मानसून लेट से वापसी कर रही है। मौसम विभाग के मुताबिक, दक्षिण-पश्चिमी मानसून की राजस्थान के दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र से निकासी आज पूरी हुई है। सामान्यतः इस क्षेत्र से मानसून 17 सितंबर तक लौट जाता है। यह लगातार 13वां साल है। जब देश में मानसून की निकासी तय समय के मुकाबले देरी से हुई है। उत्तर-पश्चिम भारत से मानसून की देरी से निकासी का असर भारतीय उपमहाद्वीप पर पैदा होने वाली फसलों पर भी पड़ता है। यानी अधिक समय तक मानसून के ठहरने से बारिश का मौसम भी लंबा चलता है। जिसके वजह से कृषि पर इसका सीधा प्रभाव पड़ता है।
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