झारखंड के डीजीपी अजय कुमार सिंह ने मीडिया नीति से संबंधित आदेश जारी किया है। जिसके अनुसार अब मीडिया पुलिस अधिकारी और थाना प्रभारी मीडिया से संवाद नहीं करेंगे। पुलिस विभाग की नीति के अनुसार उस समय मीडिया को संबंधित सूचना सही समय पर उपलब्ध कराई जाए, जब अनुसंधान की प्रक्रिया प्रतिकूल रूप से बाधित, पुलिस अभियान में बाधा उत्पन्न और पुलिसकर्मियों की सुरक्षा खतरे में नहीं हो। इसके साथ ही पीड़ित व आरोपित के कानूनी, मूलभूत अधिकारों का हनन और राष्ट्रीय हितों पर प्रतिकूल प्रभाव नहींं पड़ने समेत अन्य बातों का भी ध्यान रखा जाएगा।
इसके साथ ही आदेश में कहा गया कि पुलिस मुख्यालय के लिए डीजीपी और उनके जरिये प्राधिकृत पुलिस प्रवक्ता ही पुलिस से संबंधित मीडिया को जानकारी दे सकेंगे। प्रत्येक जिले के कार्यालय में एक मीडिया सेल की शाखा होगी। जिसके प्रभारी मुख्यालय स्थित एएसपी और डीएसपी होंगे। जिले में एसपी और प्रभारी मीडिया के जरिये ही संबंधित जानकारी मीडिया को उपलब्ध करायी जाएगी। वही, सामान्य रूप से मीडिया ब्रीफिंग का स्थान कार्यालय कक्ष होगे। जो प्रतिदिन निर्धारित समय शाम के चार बजे से छह बजे के बीच निर्धारित रहेगी। मीडिया ब्रीफिंग से पहले इसकी सूचना समय रहते सभी मीडियाकर्मियों को दी जायेगी। इसके अलावा पुलिस से संबंधित मामले जैसे बड़े आपराधिक और विधि-व्यवस्था की घटना, महत्वपूर्ण उद्भेदन, गिरफ्तारी, बरामदगी समेत अन्य उपलब्धि स्वयं जिला एसपी की ओर से मीडिया को प्रेस वार्ता के माध्यम से दी जाएगी। जिला एसपी की ओर से मीडिया सेल शाखा में घटना की परिस्थिति के अनुसार घटनास्थल, थाना अथवा अन्य कार्यालय में प्रेस से संवाद किया जा सकेगा। एसपी और प्रभारी मीडिया सेल शाखा वर्दी में ही मीडिया के साथ बातचीत करेंगे। किसी अपराध के दर्ज होने के 48 घंटों के भीतर केवल इतनी ही सूचना साझा किया जाएगा।
मीडिया के समक्ष गुप्त और तकनीकी सूत्रों को नहीं करेगे साझा
अपराध के संबंध में गुप्त और तकनीकी सूत्रों को मीडिया के समक्ष प्रकट नहीं किया जायेगा। वही, अनुसंधान की दिशा और तकनीकों का खुलासा नहीं किया जाएगा। यौन हिंसा पीड़ितों और बच्चों की पहचान का खुलासा मीडिया के सामने नहीं किया जायेगा। आरोपितों की गिरफ्तारी होने के बाद ही मीडिया को बताया जाएगा, लेकिन उन्हें मीडिया के समक्ष पेश नहीं किया जायेगा। राष्ट्रीय सुरक्षा और आंतरिक सुरक्षा से संबंधित अन्य प्रकार के मामलों में चलाए जा रहे पुलिस ऑपरेशन की ताजा स्थिति साझा नहीं की जायगी। ऑपरेशन पूरा होने के बाद ही अपराधियों और बरामद वस्तुओं की तथ्यात्मक जानकारी साझा किया जाएगा। अनुसंधान के दौरान आवश्यक के अनुसार मीडिया को केवल तथ्यों पर आधारित जानकारी दी जा सकेगी। अनुसंधान पूरे होने पर ही आरोप पत्र के तथ्यों की जानकारी और न्यायिक विचारण के परिणाम की जानकारी मीडिया को दी जा सकती है।
घटना स्थल पर वरीय पुलिस पदाधिकारी अथवा निर्देशित पुलिस पदाधिकारी (डीएसपी रैंक) देगे जानकारी
आकस्मिक घटना स्थल पर जहां मीडियाकर्मी उपस्थित हों, वहां वरीय पुलिस पदाधिकारी अथवा उनके जरिये निर्देशित पुलिस पदाधिकारी कम से कम डीएसपी रैंक के राजपत्रित पदाधिकारी के माध्यम से ही मीडिया ब्रीफिंग का कार्य करेगे। वही, प्राधिकृत पुलिस प्रवक्ता पुलिस से संबंधित जानकारी मीडिया को दे सकेंगे। पुलिस की विभिन्न इकाई सीआईडी, जैप, रेल, स्पेशल ब्रांच, एससीआरबी, एसीबी, एटीएस से मीडिया को उपलब्ध कराई जाने वाली सूचना पहले पुलिस प्रवक्ता को उपलब्ध कराई जायेगी। इन सूचना को पुलिस प्रवक्ता प्रेस विज्ञप्ति अथवा संवाददाता सम्मेलन के माध्यम से मीडिया को जारी करेंगे। पुलिस के विभिन्न इकाई के क्षेत्रीय जिला स्तरीय पदाधिकारी और समादेष्टा अपने क्षेत्राधिकार की उपलब्धि संबंधी सूचनाएं मीडिया से साझा कर सकेंगे। जोनल आईजी और डीआईजी भी पुलिस से संबंधित जानकारी मीडिया को दे सकेंगे। पुलिस के नीतिगत सभी मामलों में केवल डीजीपी और उनके निर्देश पर पुलिस प्रवक्ता ही मीडिया ब्रीफिंग करेंगे।