ईडी के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत ने सोमवार को मनी लॉउन्ड्रिंग मामले के आरोप में जेल में बंद ग्रामीण विकास विभाग के निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र कुमार राम को जमानत देने से इनकार किया है। जिसके बाद उन्हें अभी जेल में रहना ही पड़ेगा। अदालत ने उसको जमानत देने से इनकार किया है। अदालत ने16 सितंबर को जमानत अर्जी पर दोनों पक्षों की सुनवाई पश्चात आदेश सुरक्षित रख लिया था। वीरेंद्र राम ने जमानत की गुहार लगाते हुए 10 अगस्त को अर्जी दाखिल की थी। प्रार्थी के वकील ने पूर्व में बहस के दौरान कहा कि मामले में वह निर्दोष हैं। मनी लाउंड्रिंग का केस नहीं बनता है। जिसके बाद इंजीनियर ने जमानत प्रदान करने का अनुरोध किया। इसका विरोध ईडी के वकील शिव कुमार काका ने किया था। जिसमें उन्होंने कहा कि एक लोक सेवक होते हुए निविदाओं के आवंटन के बदले में कमीशन या रिश्वत के तौर पर अवैध रूप से बड़ी रकम लेकर मनी लाउंड्रिंग करने का आरोप है। जो कि प्रोसिड्स ऑफ क्राइम है। दोनों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने आदेश सुरक्षित रख लिया था। ईडी ने मनी लॉउन्ड्रिंग के आरोप में 22 फरवरी को वीरेंद्र राम को गिरफ्तार किया था। तब से वह जेल में है ।
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