सीपीआई(माओवादी) समेत अन्य आंतकवादी गिरोहों के सशस्त्र कैडरों को भारी मात्रा में गोला-बारूद की चोरी और आपूर्ति के अपराध में शामिल आरोपी भंवर लाल छंगल को अदालत ने राहत देने से इनकार किया है। एनआईए के विशेष न्यायाधीश एमके वर्मा की अदालत में उसकी ओर से दाखिल जमानत अर्जी खारिज कर दी है। अदालत ने उसकी ओर से दाखिल जमानत अर्जी पर सुनवाई पश्चात एक सितंबर को सुरक्षित रख लिया था। आरोपी राजस्थान के नागौर जिला के जाट कॉलोनी निवासी है। जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान एनआईए की ओर से कहा गया था कि पंजाब के फिरोजपुर स्थित सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के 116 बटालियन में कोत प्रभारी के पद पर पदस्थापित गिरफ्तार हवलदार सरायकेला-खरसांवा निवासी कार्तिक बेहरा के साथ निकटता से जुड़ा था। कार्तिक बेहरा ही बीएसएफ कैंप से कारतूस चुराकर अपने सहयोगी के माध्यम से उग्रवादियों-अपराधियों तक कारतूस की आपूर्ति की थी। इसमें भंवर लाल छंगल भी शामिल था। आरोपी उक्त मामले में 12 जुलाई से न्यायिक हिरासत में है। बता दें कि एनआईए ने झारखंड में बहुचर्चित हथियार-कारतूस की सप्लाई मामले में दर्ज एटीएस कांड संख्या 1/2021 को टेक ओवर कर जांच प्रारंभ की थी। एनआईए ने मई 2022 में जांच पूरी करते हुए चार्जशीट दाखिल की थी।