मिड डे मील घोटाले के आरोपी संजय तिवारी को अभी रहना पड़ेगा जेल में, सुप्रीम कोर्ट ने भी राहत देने से किया इनकार
संजय तिवारी को 100 करोड़ रुपए में से 16.35 करोड़ करने हैं वापस
22 नवंबर 2021 को ईडी ने किया था गिरफ्तार, तब से है वह जेल में
झारखंड सरकार के मिड डे मील के खाते से 100 करोड़ रुपये के फर्जी हस्तांतरण से जुड़े मनी लाउंड्रिंग मामले के आरोपी भानु कंस्ट्रक्शन के संचालक संजय कुमार तिवारी को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार से बाहर आने की संभावना पर ब्रेक लग चुका है। यह ब्रेक सुप्रीम कोर्ट ने लगाया है। सुप्रीम कोर्ट ने उसकी ओर से दाखिल विशेष अनुमति याचिका सुनवाई पश्चात खारिज कर दिया है। इससे उसको जबरदस्त झटका लगा है। निचली अदालत एवं झारखंड हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट में 18 अप्रैल 2022 को याचिका दाखिल की थी। ईडी ने उक्त आरोप में 22 नवंबर 2021 को गिरफ्तार किया था। 23 नवंबर को जेल भेज दिया गया था। तब से वह जेल में ही है। बीते 30 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने संजय तिवारी को 16.35 करोड़ रुपए वापस करने की शर्त पर अंतरिम जमानत की सुविधा प्रदान की थी। लेकिन 40 दिन बाद भी वह बकाया रकम बैंक को वापस नहीं कर सका। इसके बाद वह कुछ दिन कोरोना का फर्जी रिपोर्ट पर अदालत को गुमराह किया। अंतत: जेल जाना पड़ा। वर्तमान में मनी लाउंड्रिंग के आरोप में अदालत ने उस पर आरोप तय कर दिया है।
हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट को किया गुमराह
रांची स्थित हटिया के एसबीआई शाखा से झारखंड मध्याह्न भोजन प्राधिकरण के खाते से भानु कंस्ट्रक्शन को 100.01 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए। जब 19 सितंबर 2017 को राज्य निकाय ने बैकों को निर्देश दिया कि जिलों में मध्याह्न भोजन की राशि जारी की जाए, जब जाकर इस बात का खुलासा हुआ। इसके बाद तत्कालीन शाखा प्रबंधक के सूचना पर सीबीआई ने 2017 में आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई। आरोपी जेल जाने से बचने के लिए हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की। जिसमें बकाया राशि वापस करने की मोहल्लत मांगी। हाईकोर्ट ने राशि वापस करने के लिए लंबा समय दिया। इसके बावजूद राशि को वापस नहीं किया। इसके बाद हाईकोर्ट ने 16 अप्रैल 2020 को उसकी याचिका खारिज कर दी थी। इसी तरह सुप्रीम कोर्ट को बकाया राशि बैंक को वापस करने के नाम 40 दिनों की अंतरिम जमानत की सुविधा प्राप्त किया। लेकिन एक भी पैसा नहीं वापस किया।