मनी लाउंड्रिंग के आरोप में जेल में बंद ग्रामीण विकास विभाग के निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के सहयोगी राजस्थान के झुंझुनू जिला निवासी हरीश यादव को अदालत ने राहत देने से इनकार किया है। ईडी के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत ने उसकी ओर से दाखिल जमानत याचिका पर सुनवाई पश्चात खारिज कर दी है। वह 12 जुलाई से जेल में है। इससे पूर्व ईडी के वकील ने शिव कुमार काका ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि हरीश यादव ने जानबूझकर मुख्य आरोपी वीरेंद्र राम की सहायता की। जिस पर अभियोजन शिकायत में गलत तरीके से अर्जित धन को वैध बनाने का आरोप है। जो उसके कमीशन या रिश्वत की राशि के थे। उसने अवैध कमाई को वैध बनाने के उद्देश्य से खोले गए बैंक खातों का संचालन करता था और मेसर्स ओयेकूल टेक्नोलॉजीज का मालिक भी था। जिसका व्यवसाय संचालन भी रिकॉर्ड में दिए गए पते पर अस्तित्वहीन पाया गया। वहीं याचिकाकर्ता के वकील ने दलीलें दी कि तारा चंद के निर्देश पर हरीश यादव के खाते से 10 लाख रुपए मनीष नामक व्यक्ति के बैंक खाते में स्थानांतरित किए गए। जो वीरेंद्र राम के सीए मुकेश मित्तल के ड्राइवर का बेटा है। याचिकाकर्ता को इस काम के एवज में 2000 रुपए का कमीशन मिला। हरीश यादव नीरज मित्तल के अधीन काम करता था और उनके निर्देश पर फंड ट्रांसफर करता था। यदि कथित तौर पर कोई लेन-देन हुआ भी तो वह केवल अनजाने में किया गया था। इस मामले में निर्दोष है। दोनों की दलीलें सुनने के पश्चात हरीश यादव की जमानत अर्जी खारिज कर दी।