केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के लिए एक समिति का गठन किया। गुरुवार को ऐसी अटकलें लगाई गईं थी कि केंद्र सरकार 18 से 22 सितंबर तक संसद के विशेष सत्र के दौरान ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक पेश कर सकती है। वही, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विधानसभा और आम चुनाव एक साथ कराने के विचार पर जोर दे रहे हैं। यह एक ऐसा कदम है, जिससे चुनाव कराने की लागत कम हो जाएगी। इसके साथ ही शासन के लिए समय भी बचेगा। हालांकि विपक्षी पार्टियों ने सरकार के इस कदम पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस ने सवाल किया कि अभी इसकी क्या जरूरत है? पहले महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों का निवारण होना चाहिए।
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