निबंधक महानिरीक्षक के आदेश को कोर्ट ने किया निरस्त , रामकृष्ण सेवा संघ और विवेकानंद विद्यामंदिर विद्यालय का विवाद
झारखंड हाईकोर्ट ने रामकृष्ण सेवा संघ का चुनाव दो महीने में पूरा करने को कहा है। गुरुवार को जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में रामकृष्ण सेवा संघ सचिव और विवेकानंद विद्यामंदिर विद्यालय के विवाद को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने प्रशासक सेवानिवृत्त जस्टिस एनएन तिवारी से रामकृष्ण सेवा संघ का चुनाव दो माह में कराने का आग्रह किया है। अदालत ने कहा कि जब तक नई कमेटी प्रभार नहीं ले लती है, तब तक जस्टिस एनएन तिवारी प्रशासक बने रहेंगे। यह याचिका पूर्व सचिव अभय कुमार मिश्रा की ओर से दाखिल की गई है। सुनवाई के दौरान अदालत ने निबंधक महानिरीक्षक के आदेश को निरस्त कर दिया। निबंधक महानिरीक्षक ने 28 फरवरी 2020 को सुकृत भट्टाचार्य की ओर से दी गई कमेटी को स्वीकृति प्रदान की थी। इसके खिलाफ निवर्तमान सचिव सह अधिवक्ता अभय कुमार मिश्रा ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। सुनवाई के दौरान वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार ने अदालत को बताया कि निबंधक महानिरीक्षक ने अपने क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर गैर कानूनी आदेश पारित किया है। निबंधक को किसी संस्था के आंतरिक विवाद का निपटारा करने का अधिकार नहीं है। सुकृत भट्टाचार्य ने गलत जानकारी के आधार पर निबंधक महानिरीक्षक से वर्ष 2008 की कमेटी पर स्वीकृति प्राप्त कर ली थी। जिसे निरस्त कर देना चाहिए। इस दौरान संस्था के पूर्व अध्यक्ष आरडी भट्टाचार्य की ओर से वरीय अधिवक्ता वीपी सिंह ने कहा कि आरडी भट्टाचार्य को एक मामले में जेल में थे। उस दौरान उनके नाम से हाईकोर्ट में शपथ पत्र दाखिल कर दिया गया। जबकि जेल रहने के दौरान कोई भी व्यक्ति शपथ पत्र दाखिल नहीं कर सकता है। इसके बाद अदालत ने निबंधक महानिरीक्षक के आदेश को निरस्त करते हुए चुनाव कराने का निर्देश दिया है।