आरोपियों की संख्या में सबसे बड़ा मामला
मामला डोरंडा कोषागार से 36.59 करोड़ रुपये की अवैध निकासी का
फैसले के दिन 28 अगस्त को सभी 124 आरोपियों को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में रहना है मौजूद
ट्रायल फेस कर रहे आरोपियों की उम्र 90 साल तक
डोरंडा कोषागार से 29 साल पहले 36 करोड़ 59 लाख रुपये की अवैध निकासी से जुड़े चारा घोटाले के आरोपियों की संख्या में सबसे बड़े मामले में 28 अगस्त को फैसला आएगा। मामले में 38 लोक सेवक समेत 124 आरोपियों का भाग्य का फैसला होना है। आरोपियों में 16 महिलाएं भी शामिल है। आठ कोषागार पदाधिकारी है। जबकि मामले में 86 आपूर्तिकर्ता आरोपी है। इनमें से एक दर्जन से अधिक आरोपियों की उम्र 80 साल से अधिक है। सबसे उम्रदराज आरोपी तत्कालीन जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. गौरी शंकर प्रसाद है। इनकी उम्र 90 साल है। साथ में उनकी पत्नी निर्मला प्रसाद(82), बेटा शरद कुमार(57), सिद्धार्थ कुमार(49), उनकी साली कुमारी अनिता प्रसाद(69) भी आरोपी है। चारा घोटाले के अंतिम मामले में फैसला सीबीआई के विशेष न्यायाधीश विशाल श्रीवास्तव की अदालत सुनाएगी। फैसले के दिन सभी आरोपियों को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में मौजूद रहने का निर्देश है। ऐसी संभावना है कि कई आरोपी मेडिकल सपोर्ट के साथ भी अदालत पहुंचेंगे। सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक रवि शंकर ने सीबीआई की ओर से 594 गवाहों को प्रस्तुत किया है। यह अवैध निकासी साल 1990-91 व 1994-95 की अवधि में फर्जी आवंटन पत्र के आधार पर की गई थी। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से जुड़े चारा घोटाले के पांच मामले समेत कुल 53 मामलों की सुनवाई रांची स्थित सीबीआई कोर्ट में पूरी की गई है। 52 मामलों में कोर्ट ने फैसला सुना चुकी है।
चारा कांड संख्या आरसी 48ए/96 मामले के आरोपी : तत्कालीन बजट व लेखा पदाधिकारी – नित्यानंद कुमार सिंह
पशु चिकित्सक : डॉ जुनूल भेंगराज, डॉ केएम प्रसाद, डॉ राधा रमन सहाय, डॉ गौरी शंकर प्रसाद, डॉ रामेश्वर प्रसाद सिंह, डॉ मनोज कुमार, डॉ अनिल कुमार सिंह, डॉ रवींद्र कुमार सिंह, डॉ फनिंद्र कुमार त्रिपाठी, डॉ कमल किशोर शरण, डॉ त्रिवेणी पासवान, डॉ जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव, डॉ चंद्र किशोर लाल, डॉ कामेश्वर प्रसाद यादव, डॉ मनोज कुमार सिन्हा, डॉ रमन कुमार सिन्हा, डॉ उमाकांत यादव, डॉ ओम प्रकाश सिन्हा, डॉ चंद्रशेखर सिन्हा, डॉ अजय कुमार सिंह उर्फ सिन्हा, डॉ. वेंकटेश्वर नाथ पांडेय, डॉ राम लक्ष्मण सिंह, डॉ हीरा लाल, डॉ विनोद कुमार, डॉ बिजेंद्र कुमार, डॉ. राजेंद्र कुमार, डॉ धनंजय कुमार, डॉ अनिल कुमार, डॉ विजय शंकर सिंह के नाम शामिल है।
कोषागार पदाधिकारी : परमेश्वर प्रसाद यादव, महेंद्र प्रसाद, देवेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव, एनुल हक, राजेंद्र पांडेय, राम सेवक साहू, दीना नाथ सहाय व साकेत बिहारी लाल शामिल है।
महिला आरोपी : कैलाशमणि कश्यप, निर्मला प्रसाद, कुमारी अनिता प्रसाद, सैरू निशा, शोभा सिंह, जौली श्रीवास्तव, चंचला सिन्हा, ज्योति कक्कड़, मंजू बाला जायसवाल, सरस्वती देवी, सरस्वती चंद्र, सुलेखा देवी, रीमा बनाइक, साधना सिंह, अपोर्निता कुंडू व मधु पाठक।
आरोपी आपूर्तिकर्ता : इनमें अशोक कुमार यादव, राम नंदन सिंह, डॉ बिजयेश्वरी प्रसाद सिन्हा, रवींद्र कुमार मेहरा, अजय वर्मा, सुनिल कुमार सिन्हा, अजय कुमार सिन्हा, सुधीर कुमार सिन्हा, हरीश कुमार खन्ना, राजन मेहता, अजय कुमार सिंह, रवि नंदन कुमार सिन्हा, राजेंद्र कुमार हरित, नरेश प्रसाद, अनिल कुमार, गणेश दुबे, त्रिपुरारी मोहन प्रसाद, दयानंद प्रसाद कश्यप, बलेदव साहू, सिद्धार्थ कुमार, शरद कुमार, आनंद मुरारी सिंह, मनीष कुमार, सुरेश दुबे, विनय कपूर, सईद, तौहिद, इकराम, हुसैन, सनाउल हक, दीपक कुमार सिंह, महेंद्र कुमार बेदी, संजय कुमार, समीर कुमार, रामा शंकर सिंह, सुरेरंद्र कुमार राय , उमेश दुबे, सुधीर कुमार शरण, अरुण कुमार वर्मा, डॉ अजित कुमार वर्मा, जगदीश प्रसाद साहू, मुनि राय, अनिल कुमार सिन्हा, सुशील कुमार सिन्हा, सूरज गांधी उर्फ सुशील गांधी, रवींद्र प्रसाद, जगमोहन लाल कक्कड़, नंद किशोर अग्रवाल, शिव दयाल मिधा, श्याम सुंद्र शर्मा, रंजीत सिन्हा, मोहिंद्र सिंह बेदी, प्रदीप कुमार चौधरी, सत्येंद्र कुमार मेहरा, जितेंद्र कुमार सिंह, प्रदीप कुमार चौधरी, सुभाशिश देब, राजीव कुमार, रामातवार शर्मा, नंद किशोर प्रसाद, राजेश महेरा, मदन मोहन पाठक, मनोज कुमार, दीपक कुमार महाजन, सतीश कुमार उर्फ विकास कुमार, सुजीत कुमार उर्फ गुल्लु, प्रदीप वशिष्ठ उर्फ प्रदीप कुमार, सूरज मल दुबे व गुलशन लाल आजमानी समेत अन्य के नाम शामिल है।