अगली सुनवाई 31 अगस्त को
झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र एवं जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में सहायक आचार्य नियुक्ति नियमावली में पारा शिक्षकों को 50 फीसदी आरक्षण दिए जाने को लेकर दाखिल चुनौती याचिका पर सुनवाई हुई। मामले में अदालत ने राज्य सरकार एवं झारखंड स्टाफ सलेक्शन कमिशन (जेएसएससी) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। साथ ही अगली सुनवाई की तारीख 31 अगस्त निर्धारित की गई है। सहायक आचार्य नियुक्ति के लिए जेएसएससी ने विज्ञापन जारी किया है। इस नियुक्ति के लिए राज्य सरकार ने एक नयी नियमावली बनायी है। इसे सहायक आचार्य नियुक्ति नियमावली 2023 कहते हैं। इस संशोधित नियमावली में अब केवल पारा शिक्षकों को ही सहायक आचार्य नियुक्ति में 50 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान है। इस दायरे में वो कर्मचारी नहीं आते हैं जो संविदा पर शिक्षा विभाग में काम कर रहे हैं। दायर याचिका के मुताबिक जब सहायक आचार्य नियुक्ति नियमावली 2022 लागू हुई तब केवल पारा शिक्षकों को आरक्षण न देकर इस दायरे में वैसे सभी कर्मचारी आते थे जो ऐप खोलें संविदा पर काम कर रहे थे। इसी मामले को लेकर हाइकोर्ट का रूख किया। मामले में जेएसएससी को भी प्रतिवादी बनाया गया है। प्रार्थी के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया गया कि सहायक आचार्य नियुक्ति नियमावली 2022 में संविदा पर शिक्षा विभाग में कार्यरत कर्मियों को 50 फीसदी आरक्षण की सुविधा दी गई थी। बाद में संविदा कर्मियों को आरक्षण समाप्त कर दिया गया और नियमावली को संशोधित किया। राज्य सरकार ने संशोधित सहायक आचार्य नियुक्ति नियमावली 2023 बनाई है, जिसके तहत अब केवल पारा शिक्षकों को ही सहायक आचार्य नियुक्ति में 50 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान है। शिक्षा विभाग में कार्यरत संविदा कर्मियों को भी आरक्षण मिलना चाहिए था। झारखंड के 26,001 सहायक आचार्य पद के लिए अभ्यर्थी 16 अगस्त से 15 सितंबर की मध्य रात्रि तक आवेदन कर सकेंगे।