साहिबगंज में अवैध खनन के मामले में ईडी के गवाह बिजय हांसदा के आरोपों की जांच अब सीबीआई करेगी। झारखंड हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सीबीआई जांच का आदेश दे दिया है। अदालत ने सीबीआई के निदेशक को एक माह में प्रांरभिक जांच(पीई) पूरा करते हुए रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। यह आदेश शुक्रवार को हाईकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने सुनवाई के दौरान दिया। आदेश की प्रति प्राप्त होने के एक माह की अवधि के भीतर रिपोर्ट अदालत को सौंपना है। 17 अगस्त को अदालत ने विजय हांसदा की उस प्रार्थना को अस्वीकार कर दिया था। जिसमें उसकी ओर याचिका वापस लेने का आग्रह किया गया। उसकी ओर से एक हस्तक्षेप याचिका दाखिल कर कहा गया था कि इस संबंध में उन्होंने हाईकोर्ट में कोई याचिका दाखिल नहीं की थी। वे न तो अधिवक्ता को जानते हैं और न ही इस मामले में के पैरवीकार को। पैरवीकार लातेहार का रहने वाला है। जबकि वे संताल परगना के रहने वाले हैं। उनकी ओर सिर्फ एससी-एसटी केस दर्ज कराने की निष्पक्ष जांच की मांग की गई थी। क्योंकि उन्हें ऐसा करने पर धमकी मिल रही थी। सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता सुधांशु शेखर चौधरी ने अदालत के बताया कि उक्त गड़बड़ी की जांच के लिए रजिस्ट्रार जनरल सक्षम प्राधिकार है। इसलिए उनकी निगरानी में जांच होनी चाहिए। लेकिन अदालत ने पूरे मामले की जांच सीबीआइ को सौंप दी है। बता दें कि विजय हांसदा की शिकायत पर साहिबगंज में अवैध खनन की जांच ईडी कर रही है। उनसे शिकायत में कहा था साहिबगंज में उसके गांव के पास नींबू पहाड़ पर अवैध खनन किया जा रहा है। अवैध खनन रोकने का प्रयास किया तो उसे धमकी दी गई। विजय हांसदा ने याचिका दायर कर कहा था कि उसने पंकज मिश्रा एवं अन्य के द्वारा नींबू पहाड़ पर अवैध खनन पर जो शिकायत की थी। उस पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। अवैध खनन में पंकज मिश्रा एवं अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की बजाय पुलिस ने उसके खिलाफ ही प्राथमिक दर्ज कर दी। साथ ही उसे ही जेल में बंद कर दिया। उसके खिलाफ साहिबगंज में प्राथमिकी (एससी /एसटी थाना कांड संख्या 6 /2022) दर्ज की गई है। इसकी उचित जांच सीबीआई से कराई जानी चाहिए।