झारखंड सीटेट उत्तीर्ण अभ्यर्थी संघ की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई पूरी
जेटेट परीक्षा जुड़े मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया। शुक्रवार को चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा एवं जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में झारखंड सीटेट उत्तीर्ण अभ्यर्थी संघ की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। मामले में कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया। प्रार्थी का कहना था की झारखंड सरकार ने वर्ष 2016 के बाद टेट परीक्षा नहीं ली है। लेकिन राज्य में शिक्षक नियुक्ति परीक्षा शुरू हो गई है, इसके लिए आवेदन मंगाए जा रहे हैं। इसलिए शिक्षक नियुक्ति में सीटेट पास अभ्यर्थियों को भी शामिल होने दिया जाए या झारखंड सरकार सीटेट परीक्षा का आयोजन कराए। प्रार्थी की ओर से कोर्ट को यह भी बताया गया कि 23 अगस्त 2010 के एनसीटीई की गाइड लाइन में प्रोविजन है कि अगर राज्य सरकार टेट परीक्षा नहीं लेती है तो दूसरे राज्य से टेट परीक्षा या केंद्र सरकार से सीटेट पास अभ्यर्थियों को नियुक्ति में कंसीडर किया जाएगा। बता दें कि प्रार्थी ने राज्य सरकार को जेटेट परीक्षा शीघ्र लेने का आदेश देने का आग्रह कोर्ट से किया है। प्रार्थी ने याचिका में कहा है कि बीते सात वर्षों से झारखंड में जेटेट की परीक्षा आयोजित नहीं हो रही है। प्रार्थी ने प्रार्थना की है कि सीटेट को भी जेटेट की तरह झारखंड में मान्यता दी जाए, क्योंकि राज्य सरकार जेटेट की परीक्षा कराने में पिछले सात साल में असफल रही है। ऐसे में सीटेट पास अभ्यर्थियों की उम्र सीमा भी धीरे-धीरे खत्म हो रही है। याचिका में यह भी कहा गया है कि राज्य सरकार वर्ष 2016 के बाद से बिना जेटेट की परीक्षा लिए शिक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने जा रही है जिससे करीब चार लाख अभ्यर्थी शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में शामिल होने से से वंचित हो जाएंगे। यहां यह भी बता दें कि सूरज बिहारी मंडल एवं अन्य की ओर से भी सीटेट परीक्षा को लेकर हाईकोर्ट में रिट याचिका दाखिल की गई है।