सीसीएल पर झारखंड हाईकोर्ट ने बार-बार समय दिए जाने के बाद भी जवाब दाखिल नहीं करने पर एक लाख रुपये का हर्जाना लगाया है। यह हर्जाना जस्टिस राजेश कुमार की अदालत ने लगाया है। साथ ही मामले की अगली सुनवाई की तारीख 23 अगस्त निर्धारित की गई है। यह मामला सीसीएल में छाई के उठाव से संबंधित है। सुनवाई के दौरान सीसीएल की ओर से कई बार जवाब देने के लिए समय की मांग की गई, लेकिन उनकी ओर से जवाब दाखिल नहीं किया गया। इससे नाराज होकर अदालत ने एक लाख रुपये का हर्जाना जमा करने का निर्देश दिया है। इस संबंध में भारत कोल प्रोडक्ट्स की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता अर्चना सिंह ने अदालत को बताया कि सीसीएल के बेरमो कोलियरी से प्रति माह पांच हजार मैट्रिक टन छाई के उठाव का समझौता कंपनी के साथ किया गया था। कंपनी इसके लिए अग्रिम भुगतान करती थी। सीसीएल ने किराए पर कोलियरी में जमीन भी उपलब्ध कराई थी। लेकिन वर्ष 2014 में सीसीएल ने एक नियम लाया जिसके तहत अब टेंडर के जरिए छाई के उठाव की बात कही गई और पुराने समझौतों को निरस्त कर दिया गया। लेकिन कंपनी का 51 हजार मिट्रिक टन छाई सीसीएल के स्टोरेज में पड़ा हुआ है। उसको उठाने नहीं दिया जा रहा था। सीसीएल में सुनवाई नहीं होने के बाद कंपनी ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है।हाईकोर्ट ने सीसीएल पर बार-बार समय मांगने पर लगाया एक लाख रुपये का हर्जाना।