जेपीएससी परीक्षा में दिव्यांगों के लिए आरक्षित सीट का मामला
झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत में सातवीं से दसवीं जेपीएससी परीक्षा में दिव्यांगों के लिए आरक्षित 7 सीटों में से 4 सीटों को दूसरे कैटेगरी के अभ्यर्थियों से भरने के खिलाफ दाखिल सदानंद कुमार समेत अन्य की याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने मामले में राज्य सरकार और जीपीएससी से पूछा है कि दिव्यांगों के लिए आरक्षित 7 सीटों में से शेष बचे 4 सीटों का क्या हुआ? कोर्ट ने इस बिंदु पर जेपीएससी और राज्य सरकार को स्पेसिफिक जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 5 सितंबर को होगी। प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने पैरवी की। उनकी ओर से कोर्ट को बताया गया कि सातवीं से दसवीं जेपीएससी परीक्षा में जो मेरिट लिस्ट आया उसमें से दिव्यांगों के लिए आरक्षित 7 सीटों में से 3 सीटों को ही भरा गया। बाकी 4 सीटों को जनरल जेनरल कैटेगरी के अभ्यर्थियों से भरा गया, जो राज्य सरकार के नियमावली के विरुद्ध है। नियमावली के अनुसार यह सभी 7 सीटें दिव्यांगों अभ्यर्थियों से भरी जानी चाहिए थी।
याचिका में है क्या :
याचिका में कहा गया है कि जेपीएससी द्वारा दिव्यांगों के लिए आरक्षित सीट को दिव्यांग कोटे से ही भरा जाए ।अगर यह संभव नहीं हो पाता है तो इस सीट को अगले साल कैरी फॉरवर्ड किया जाए। दिव्यांग कोटे की सीट खाली रहने के बाद उसे अन्य कैटेगरी के अभ्यर्थियों से नहीं भरा जाए।