गया पुलिस ने भाकपा माओवादी के पोलित ब्यूरो सदस्य प्रमोद मिश्रा समेत 2 नक्सलियों को गिरफ्तार किया है। कुख्यात नक्सली प्रमोद मिश्रा समेत दोनों नक्सलियों से पुलिस पूछताछ कर रही है। इससे पहले दो मई को भाकपा माओवादी नक्सली प्रमोद मिश्रा और जगदीश मास्टर और उनके रिश्तेदारों के घर पर एनआईए की टीम ने छापेमारी की थी। एनआईए की कार्रवाई करीब 5 घंटों तक चली, लेकिन इस दौरान उन्हेंब कुछ हाथ नहीं लगा था। अप्रैल 2008 में प्रमोद मिश्रा को धनबाद के विनोद नगर मुहल्ला से उनके साला के घर से गिरफ्तार किया गया था। करीब नौ सालों से जेल में बंद भाकपा माओवादी के पोलित ब्यूरो सदस्य प्रमोद मिश्रा को अगस्त 2017 में छपरा कोर्ट से रिहा कर दिया गया था। प्रमोद मिश्रा पर औरंगाबाद, गया, धनबाद और छपरा जिला में कुल 22 मामले दर्ज थे। सभी मामले नक्सली घटनाओं से संबंधित हैं। झारखंड में 1 करोड़ के इनाम का प्रस्ताव था। प्रमोद मिश्रा से विभिन्न सुरक्षा एजेंसियां पूछताछ कर रही हैं।
कुछ महीने पहले सारंडा में मौजूद था
कुछ महीने पहले तक प्रमोद मिश्रा सारंडा के इलाके में मौजूद था। मिली जानकारी के अनुसार प्रमोद मिश्रा माओवादियो ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो के सुप्रीमो की दौड़ में शामिल था। माओवादियों के ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो में झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, बंगाल और नॉर्थ ईस्ट के राज्य शामिल हैं। वह इस साल फरवरी माह में एक करोड़ के इनामी नक्सली मिसिर बेसरा को भाकपा माओवादी संगठन ने ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो (ईआरबी) का सुप्रीम कमांडर बनाया था। इसके अंतर्गत झारखंड, बिहार, बंगाल, यूपी और पूर्वी भारत के राज्य आते हैं। इसका मुख्यालय सारंडा में स्थित है।
मिसिर बेसरा को सुप्रीम कमांडर चुना गया
सारंडा में सेंट्रल कमेटी के सदस्यों की बैठक हुई थी। इसी बैठक में मिसिर बेसरा को ईआरबी का सुप्रीम कमांडर चुना गया। बैठक के बाद टॉप माओवादी प्रमोद मिश्रा सारंडा के इलाके से निकलकर बाहर चला गया था। प्रमोद मिश्रा को माओवादियों ने आरबी का सुप्रीम कमांडर बनाया है। इसके पहले एक करोड़ का इनामी नक्सली प्रशांत बोस ईआरबी का सुप्रीम कमांडर था। पोलित ब्यूरो सदस्य मिसिर बेसरा और प्रमोद मिश्रा के बीच ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो के कमांडर को लेकर विवाद था, प्रमोद मिश्रा मूल रूप से बिहार के औरंगाबाद का रहने वाला है। इससे पहले पुलिस ने 2008-09 में प्रमोद मिश्रा को गिरफ्तार किया था। 2006 में माओवादियों ने उसको पोलित ब्यूरो सदस्य बनाया था।
झारखंड में कई नक्सली हमले में शामिल रहा
प्रमोद मिश्रा पर झारखंड और बिहार में दो दर्जन से अधिक नक्सल हमले को अंजाम देने का आरोप है। वो झारखंड बिहार सीमा पर मौजूद छकरबंधा के इलाके में माओवादियो को मजबूत कर रहा था। जून 2022 में छकरबंधा के इलाके को सुरक्षाबलों ने खाली करवाया था। सारंडा के इलाके में कई नक्सली हमले का भी वो आरोपी है।
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