झारखंड हाईकोर्ट में बुधवार को चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा एवं जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में मदर टेरेसा की संस्था मिशनरीज ऑफ चैरिटी के ‘निर्मल हृदय’ संस्था द्वारा बच्चों की बिक्री मामले में दाखिल अनुरंजन अशोक की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। मामले में प्रार्थी ने मिशनरी ऑफ चैरिटी के मुख्यालय कोलकाता एवं निर्मल हृदय, हिनू को मामले में प्रतिवादी बनाते हुए हस्तक्षेप याचिका( आईए )दाखिल की है। कोर्ट ने इस आईए पर सुनवाई के लिए अगली तिथि 11 सितंबर निर्धारित की है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने मामले में मौखिक कहा था कि बच्चा बिक्री का मामला गंभीर अपराध है। ऐसी संस्थाओं से सरकार को सचेत रहने की जरूरत है। प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने पैरवी की। जानकारी हो कि अनुरंजन अशोक की ओर से दाखिल याचिका में पूरे मामले की सीबीआइ से जांच की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि इन संस्थाओं को सेवा के लिए विदेश से राशि मिलती है, लेकिन इसका दुरुपयोग किया जा रहा है। इसकी जांच ईडी से होनी चाहिए। याचिका में मीडिया रिपोर्ट का भी हवाला दिया गया है, जिसमें उनको अब तक मिले फंड की जानकारी दी गई है।पुलिस की विशेष शाखा द्वारा 2015 की रिपोर्ट के बारे में जिक्र करते हुए कहा गया है कि उस वक्त भी सरकार को इनके कार्यों के बारे में जानकारी दी गई थी, लेकिन राज्य सरकार ने कुछ नहीं किया।
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