झारखंड में टेरर फंडिंग मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने माओवादियों के मगध जोन के प्रमुख रहे 25 लाख के इनामी पूर्व में गिरफ्तार प्रद्युमन शर्मा के खास सहयोगी आनंद पासवान उर्फआनंदी पासवान एवं विजय कुमार आर्य उर्फ दिलीप उर्फ यशपाल उर्फ जशपाल उर्फ प्रभात उर्फ रमन जी उर्फ चित्ररंजन से एनआईए पूछताछ प्रारंभ कर दी है। अदालत की अनुमति के बाद एनआईए ने दोनों को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार से पूछताछ के लिए अपने कब्जे में ले लिया है। यह पूछताछ 10 अगस्त तक की जाएगी। आनंद पासवान से एनआईए पूर्व में भी पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ कर चुकी है। जबकि विजय कुमार आर्य को एनआईए ने दो अगस्त को पटना के बेऊर जेल से ट्रांसजिट रिमांड पर लेकर आई है। वर्तमान में वह बीएमसी होटवार में बंद है। आनंद बिहार के अरवल जिले के किंजर थाना क्षेत्र के निरखपुर का रहनेवाला है। जबकि विजय आर्य गया जिले के कोंच थाना क्षेत्र के कर्मा गांव निवासी है। इससे पूर्व एनआईए की ओर से विशेष कोर्ट में पुलिस रिमांड का आवेदन दिया गया था। आवेदन पर सुनवाई पश्चात विशेष न्यायाधीश एमके वर्मा ने पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ की अनुमति प्रदान की। यह पूछताछ प्रद्युमन शर्मा को टेरर फंडिंग करने में सहयोग करने से जुड़े मामले में की जाएगी। टेरर फंडिंग के माध्यम से माओवादियों द्वारा मगध जोन को फिर से मजबूत करने का प्रयास किया जा रहा था। छानबीन के दौरान एनआईए को यह जानकारी मिली कि टेरर फंडिंग का पैसा प्रद्युमन और उसके सहयोगियों तक पहुंचता था। टेरर फंडिंग से उसने खूब संपत्ति बनाई। उसी फंडिंग करनेवालों में उक्त दोनों आरोपी शामिल है। इस मामले में हजारीबाग पुलिस ने 20 अगस्त 2021 को प्रद्युमन शर्मा को गिरफ्तार किया था। इसके बाद एनआईए ने 2021 को इस केस को टेक ओवर किया है। वर्तमान में उक्त मामले में प्रद्युमन शर्मा के अलावा उसका बेटा तरुण कुमार, सहयोगी अभिनव उर्फ गौरव भी जेल में है। अपने दस्ते को मजबूत करने के लिए लेवी व रंगदारी की वसूली कर रहे थे, ताकि उससे हथियार व आईईडी बनाने का सामान आदि खरीद सकें।
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